एजेंसी, वाशिंगटन। आॅपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खारिज कर दिया है। जयशंकर ने कहा हमें पता है क्या हुआ था, अब उसे वहीं छोड़ देते हैं। वाशिंगटन में क्वॉड शिखर सम्मेलन के इतर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने अपने बयानों से ट्रंप के दावों पर पानी फेर दिया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वाशिंगटन में स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता दोनों देशों के सेना संचालन महानिदेशकों के बीच हुई सीधी बातचीत का परिणाम था। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने युद्धविराम को भारत के साथ व्यापार वातार्ओं से जोड़ने की बात कही थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने व्यापार को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होने से रोक लिया। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने व्यापार का लालच देकर दोनों देशों में युद्ध विराम कराया। हालांकि भारत पहले भी ट्रंप के इस दावे को कई बार खारिज कर चुका है। अब जयशंकर ने भी ट्रंप के दावे को गलत ठहरा दिया है।
वॉशिंगटन डीसी में पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा उस समय क्या हुआ, इसका रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है और युद्धविराम एक ऐसा मुद्दा था, जिसे दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिये तय किया गया था। इस प्रकार विदेश मंत्री ने ट्रंप की भूमिका को नकारते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर हुई सीधी वार्ता को ही युद्धविराम का असली आधार बताया।