– एनजीटी की कार्रवाई के बाद भी नगर निगम शहर की गंदगी को नहीं कर पा रहा साफ
शारदा रिपोर्टर मेरठ। यूं तो शहर में गंदगी और कूड़े के अंबार हमेशा ही देखने को मिलते हैं। लेकिन नए साल पर भी नगर निगम अधिकारियों ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर कोई जन जागरूकता अभियान नहीं चलाया। जिसके चलते नया साल भी शहरवासियों को गंदगी और कूड़े के ढ़ेर के बीच ही बिताना पड़ा।
हालांकि, दावे नगर निगम अधिकारियों की तरफ से स्वच्छ भारत के दिए जाते रहे, लेकिन स्थिति ठीक इससे विपरीत दिखाई थी। अधिकांश वार्ड के क्षेत्र वालों का कहना है कि, ना तो उनके पार्षद उनका फोन उठाते हैं और ना ही नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी। जबकि, डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी हफ्ते में एक बार ही आती है। जिसके चलते लोगों के घरों के आसपास कूड़े और गंदगी के ढेर उनका जीवन नारकीय बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि, लोहियानगर में कूड़े का पहाड़ और उसको निस्तारण करने की अव्यवस्था पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। लोहियानगर, गांवड़ी, नौचंदी ग्राउंड में ट्रांसफर स्टेशन व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था पर नाराजगी जताई। एनजीटी ने नगर निगम की कार्यशैली का निरीक्षण किया। टीम ने गोपनीय रिपोर्ट मुख्यालय में प्रस्तुत करने की बात कही। नगर निगम के अधिकारी भी एनजीटी को गुमराह करने का प्रयास करते रहे। इस मामले में 24 मई को एनजीटी में सुनवाई होगी।
महानगर से रोजाना 1200 मैट्रिक टन कूड़ा निकल रहा है। वैज्ञानिक पद्धति से कूड़ा निस्तारण करने में नगर निगम फेल साबित हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना की शिकायत पर करीब 11 महीने पहले एनजीटी ने लोहियानगर में निरीक्षण किया था। पर्यावरण और भूगर्भ दूषित होने पर एनजीटी ने नगर आयुक्त को फटकार लगाते हुए सुधारने की हिदायत दी।