ये ओछी राजनीति सही नहीं !
मेरठ। चंद्रयान 3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लेंडिंग ने जहां समस्त देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है और हर कोई भारतीय इस ऐतिहासिक पल का गवाह भी बना लेकिन राजनीतिक दलों ने इसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग से इसरो के चेयरमैन सोमनाथ को सफल लैंडिंग की रहे दिल से बधाई क्या दी कांग्रेसियों ने एक योजनाबद्ध तरीके से इस चांद की सफलता का श्रेय बजाय वैज्ञानिक को देने के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को देना शुरू कर दिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, सांसद राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने एक ही राग अलापना शुरू कर दिया। इन नेताओं के देखा देखी एनसीपी नेता शरद पवार भी मोदी विरोधी टीम में शामिल हो गए। ये सही है कि पंडित जवाहरलाल नेहरु ने देश को तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ाया। उनके समय ही विक्रम साराभाई ने स्पेस साइंस में छलांग लगाई थी लेकिन आज का वक्त राजनीति करने और क्रेडिट लेने का नही था बल्कि सबको मिल कर दुनिया का पहला देश बनने वाले भारत की खुशी में शामिल होना था। जिस तरह से कांग्रेसी नेताओं ने बयानबाजी की उससे राहुल गांधी की सोच पर जरूर लोग चकित हुए।
सबका मानना था कि राहुल गांधी को अपने नेताओं की बयानबाजी रोकनी चाहिए। दरअसल ये भाजपा की जीत नही थी बल्कि सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति और इसरो के सैंकड़ों साइंटिस्ट की टीम की जीत थी। जहां पूरी दुनिया भारत की उपलब्धि पर वाहवाही कर रही थी विपक्षी दल इस पल पर भी राजीनिति करने से नही चूक रहे थे। अफसोस ये भारतीय राजनीति का गिरता हुआ स्तर का संकेत है।