– मां शव गोद में लेकर रोती रही।
बिजनौर। तेंदुए (गुलदार) ने 8 साल के बच्चे को मार डाला। मंगलवार शाम बच्चा घर से 20 कदम की दूरी पर दुकान से सामान लेने जा रहा था, तभी तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। बच्चे का गला जबड़े में दबा लिया और खींचकर ले जाने लगा।
बच्चे की चीख सुनकर ग्रामीण दौड़कर पहुंचे, लेकिन तेंदुआ बच्चे को लेकर भाग गया। इसके बाद ग्रामीण लाठी-डंडा और टॉर्च लेकर जंगल में खोजबीन करने लगे। घर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर उन्हें बच्चे का शव मिला। उसका गला कटा हुआ था और कंधे पर पंजों के निशान थे। बेटे का शव को गोद में लेकर मां रोते-रोते बेसुध हो गई। कहा कि मैंने ही अपने लाड़ले को दुकान भेजा था। मेरी ही गलती से उसकी जान चली गई।
वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाया है और जगह-जगह ट्रैप कैमरे भी लगाए हैं। बिजनौर में ढाई साल में तेंदुए के हमले से 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
डालचंद अपनी पत्नी सोनम और दो बेटों के साथ मंडावली थाना क्षेत्र के रामदासवाली गांव में रहते हैं। वह मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाते हैं। पिता ने बताया कि 8 साल का बेटा कनिष्क चौथी कक्षा में पढ़ता था।
मंगलवार शाम 7 बजे कनिष्क घर से 20 कदम की दूरी पर दुकान से सामान लेने गया था। घर लौटते समय झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। उसने झपट्टा मारकर गले को जबड़े में दबा लिया और जंगल की ओर ले जाने लगा।
कनिष्क की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए। मैं भी दौड़कर पहुंचा, मगर तेंदुआ बेटे को लेकर भाग गया। हम लोग लाठी-डंडा और टॉर्च लेकर जंगल की ओर भागे। डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बेटे का शव मिला।
घटना की सूचना मिलने पर मंडावली थाना प्रभारी राम प्रताप पुलिस टीम के साथ गांव पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। बच्चे के चाचा संदीप ने बताया- जिस वक्त तेंदुए ने बच्चे पर हमला किया, गांव का एक युवक छत पर टहल रहा था।
उसने बताया कि तेंदुआ झाड़ियों में छिपा था और अचानक बच्चे पर हमला कर दिया। उसने ही चिल्लाकर गांव के लोगों को बताया। हम लोग बच्चे को बचाने के लिए भागे, लेकिन उसे बचा नहीं पाए।