– 35 सालों के व्यापार को अपनी आंखों के सामने देखा उजड़ते हुए।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। 35 साल पुराने कॉम्प्लेक्स में बनीं 22 दुकानें ढहाई जा रही हैं। प्रशासन के बुलडोजर एक्शन से पहले कारोबारी अपनी दुकानों के सामने बैठकर फूट-फूटकर रोने लगे। महिलाएं भावुक होकर बोलीं कि मुझे आखिरी बार अपनी दुकानें देख लेने दीजिए। सुरक्षा कारणों से पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने कहा कि अब उनका क्या होगा, कहां जाएंगे और किस तरह से अपना गुजारा करेंगे।
मेरठ सेंट्रल मार्केट मामले पर बड़ी खबर, विवादित शोरूम पर एक्शन शुरू, बुलडोजर ने पंजा खोला…
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शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी। सुरक्षा के लिए कई थानों की फोर्स और पीएसी तैनात किया है। एटीएस के ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। कॉम्प्लेक्स 288 वर्ग मीटर में बना है। यह जमीन काजीपुर के वीर सिंह को आवास के लिए आवंटित हुई थी। हालांकि, 1990 में विनोद अरोड़ा नामक व्यक्ति ने पावर आॅफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर यहां अवैध रूप से कॉम्प्लेक्स बनवा लिया।
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि इस कॉम्प्लेक्स को तीन माह के भीतर खाली कराया जाए और आवास विकास परिषद के तहत ध्वस्त किया जाए।

सेंट्रल मार्केट में अंतिम समय पर कई कारोबारी और उनके परिवार अपनी दुकानें देखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। दुकानदार और उनके परिवार रोते हुए भावुक अपील कर रहे थे कि उनकी दुकानें अब नहीं बची हैं, लेकिन कम से कम आखिरी बार उन्हें देखने की अनुमति तो दी जाए।

