– चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में 39 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्रों ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन, एक सप्ताह में मांगें पूरी न हुईं तो छात्र करेंगे अनिश्चितकालीन धरना।

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में सोमवार को छात्रों ने 39 सूत्रीय मांगों को लेकर कुलपति के नाम एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन कुलसचिव अनिल कुमार यादव, चीफ प्रॉक्टर वीरपाल, और प्रदीप चौधरी को सौंपा गया। ज्ञापन में विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, शिक्षा व्यवस्था की अनियमितताएं, फीस वृद्धि, सुरक्षा की कमी और आरक्षण नीति के उल्लंघन जैसे मुद्दों को गंभीरता से उठाया गया।

छात्रों ने प्रशासन से कहा कि उनकी सभी 39 सूत्रीय मांगें न केवल छात्रहित से जुड़ी हैं बल्कि विश्वविद्यालय की पारदर्शिता और गुणवत्ता से भी संबंधित हैं। छात्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन एक सप्ताह के भीतर इन मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेता, तो छात्र विश्वविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।

एडवोकेट आदेश प्रधान ने इस मौके पर कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्ञापन सौंपने के तीन घंटे बाद भी कुलपति अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहीं। छात्रों से न मिलना इस बात का प्रतीक है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा। कुलपति को छात्रों से संवाद स्थापित करना चाहिए, क्योंकि यह संस्था छात्रों के अधिकारों और शिक्षा के भविष्य से जुड़ी है।”
आदित्य पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि “यदि छात्रों के साथ अन्याय हुआ या उनकी मांगों की अनदेखी की गई, तो हम सड़क पर उतरकर शांतिपूर्ण आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। छात्र अब चुप नहीं बैठेंगे।”
अनुज भड़ाना, छत्रसाल अध्यक्ष, ने कहा कि “यह आंदोलन किसी स्वार्थ या राजनीति से प्रेरित नहीं, बल्कि छात्र हित और विश्वविद्यालय सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है। 39 सूत्रीय मांगों में हर बिंदु छात्र जीवन की वास्तविक समस्याओं से जुड़ा हुआ है — जिन्हें अब अनदेखा नहीं किया जा सकता।”
शशिकांत गौतम ने कहा कि “विश्वविद्यालय में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को आरक्षण का लाभ सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। विभागीय स्तर पर पारदर्शिता लाने और नियुक्तियों में आरक्षण नीति का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”
राहुल वर्मा ने कहा कि “विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह लापरवाह है। तेज रफ्तार गाड़ियों और मोटरसाइकिलों के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। प्रशासन को वाहनों की गति पर नियंत्रण और सुरक्षा गार्डों की तैनाती पर तुरंत कदम उठाने चाहिए।”
शेखर चौधरी ने कहा कि “फीस के नाम पर किसी भी छात्र या छात्रा का आर्थिक शोषण अस्वीकार्य है। विश्वविद्यालय को ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को राहत मिले।”
रोहित राणा ने कहा कि “इंटरनल और एक्सटर्नल परीक्षाओं में किसी भी छात्र को पेपर देने से वंचित नहीं किया जाए। सभी छात्रों को समान अवसर शिक्षा के अधिकार का हिस्सा है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”
छात्र प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि वह छात्रों की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुने और प्रत्येक विभाग में छात्रों के लिए शिकायत निवारण सेल सक्रिय करे, ताकि कोई भी छात्र बिना डर के अपनी बात रख सके।
छात्रों ने एक स्वर में कहा कि यदि आने वाले सात दिनों के भीतर प्रशासन ने कोई ठोस पहल नहीं की, तो वे कुलपति कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ करेंगे। यह धरना पूर्णतः शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन जब तक छात्रों की सभी 39 सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं होता, तब तक इसे समाप्त नहीं किया जाएगा।
अंत में, इस मौके पर उपस्थित छात्र नेताओं और प्रतिनिधियों में एडवोकेट आदेश प्रधान, रोहित राणा, आदित्य पवार, अनुज भड़ाना, शशिकांत गौतम, रविन्द्र प्रधान, राहुल वर्मा, अंकुश नागर, प्रशांत चौधरी, अनिकेत सागर, मोहित किनापुर, शेखर चौधरी, आलोक बैंसला, शिवम बालियान, मुजम्मिल, आदि गुर्जर और रविन्द्र राणा सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

इन सभी ने एक स्वर में कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को छात्रों के हितों की रक्षा, शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक पारदर्शिता के आदर्श के रूप में स्थापित करने के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा।



