– अब तक पांच शव हो चुके हैं बरामद, चार की पहचान, नौ और के दबे होने का अनुमान।
सोनभद्र। हुए खनन हादसे में मलबे से अब तक 5 शव बरामद किए गए हैं। इनमें से चानर की पहचान हो चुकी है। रविवार देर रात रेस्क्यू टीम ने दो शव बरामद किए। अभी भी नौ मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसा 15 नवंबर (शनिवार) को दोपहर करीब तीन बजे ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली स्थित कृष्णा माइनिंग स्टोन की खदान में हुआ था। ड्रिलिंग के दौरान पहाड़ का 100 फीट हिस्सा टूटकर गिर गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, 14 मजदूर मलबे में दब गए थे।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पिछले 35 घंटे से रेस्क्यू में जुटी हैं। डॉग स्क्वायड भी दबे लोगों को ढूंढ रही हैं। हालांकि, खदान में पानी भरा होने की वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। प्रत्यक्षदर्शी राजू यादव ने बताया था कि खदान में नौ कंप्रेशर पर कई मजदूर काम कर रहे थे। इसी बीच पहाड़ टूट गया। कुछ मजदूरों ने भागकर जान बचाई तो कुछ मलबे में दब गए।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम पहुंची। रेस्क्यू के लिए बुलडोजर और क्रेन मंगाए गए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड को भी बुलाया। अंधेरा होने की वजह से लाइट की व्यवस्था की गई। इसके बाद शनिवार 8 बजे राहत और बचाव कार्य शुरू हो सका।
खदान मेसर्स कृष्णा माइनिंग कंपनी को आवंटित थी। हादसे के बाद खदान मालिक समेत 3 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खदान मालिक फरार है। डीएम ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
शनिवार शाम से जारी रेस्क्यू आॅपरेशन में रविवार देर रात एक और शव बरामद किया गया। इसकी पहचान इंद्रजीत यादव के रूप में हुई। पुष्टि उसके भाई छोटू यादव ने की। इससे पहले शनिवार को एक शव बरामद हुआ था। मृतक की जेब में मिले मोबाइल फोन के डायल नंबरों पर कॉल करने पर उसकी पहचान परसोई गांव निवासी राजू सिंह के रूप में हुई थी।
इससे पहले शनिवार को रातभर मलबे को हटाने का काम चलता रहा। इसके बाद रविवार को भी मलबा हटाया गया। लेकिन, टीम स्पॉट तक नहीं पहुंच पाई। खदान ओबरा क्षेत्र की 400 फीट गहरी राशपहरी पहाड़ी में स्थित है। पुलिस अन्य शवों की पहचान कराने में जुटी है।
पत्थर तोड़ने के दौरान गिरा पहाड़ का मलबा
यह बड़ा खनन हादसा शनिवार शाम को बिल्ली मारकुंडी खनन इलाके में हुआ था। पत्थर तोड़ने के दौरान अचानक पहाड़ का मलबा टूटकर गिर पड़ा, जिसमें कई मजदूर दब गए। घटना की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया और परिजनों के साथ पुलिस व प्रशासन की टीमें मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। हादसे के बाद रात भर घटनास्थल पर पुलिस कमिश्नर, एसपी, डीएम सहित कई आला अधिकारी मौजूद रहे और रेस्क्यू आॅपरेशन की निगरानी की। यह घटना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद से लौटने के तुरंत बाद सामने आई।
चट्टान हटने पर स्थिति साफ होगी
डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि 70 से 75 टन वजनी चट्टान को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके हटने के बाद ही मलबे में फंसे अन्य मजदूरों की संख्या और पूरी स्थिति साफ हो पाएगी। जब तक सभी मजदूर मिल नहीं जाते, तब तक रेस्क्यू आॅपरेशन जारी रहेगा। प्रभावित परिवारों से लगातार बात की जा रही है। सरकार के स्तर पर सहायता दी जाएगी।



