– बारिश में सड़कों फैलने के साथ वापस नाले में गई, संक्रामक रोग फैलने का भी बना हुआ अंदेशा
शारदा रिपोर्टर मेरठ। भले ही बरसात ने अभी दस्तक नहीं दी हो, लेकिन ऐसे में नगर निगम का नाला सफाई अभियान अभी अधर में है। हालत यह है कि, शहर में जहां-जहां सफाई हो चुकी है, वहां नालों की सिल्ट सड़क पर पसरी है। इस कारण बारिश के दिनों में सड़क पर कीचड़ हो जाता है। इससे आम लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कई इलाकों में तो बकायदा सिल्ट का पहाड़ सा खड़ा हो गया है। जिसके चलते शहरवासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सफाई के दौरान निगम के कर्मचारी नालों से सिल्ट तो निकाल देते हैं, लेकिन उसे सड़क किनारे रख देते हैं। इससे बारिश के दौरान सारी सिल्ट वापिस नाले में चली जाती है। यही नहीं, सड़कों पर कीचड़ भी हो जाता है। जिससे ना केवल आए दिन लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं, बल्कि, डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बना रहता है। अब सवाल यही है कि, इससे निगम का नाला सफाई अभियान अपने टारगेट तक पहुंचेगा, यह भी बड़ा सवाल है। इससे सफाई की सारी कवायद बेमानी हो जाती है।
वहीं, साफ-सफाई के दौरान सड़क किनारे इकट्ठा कर दी जाती है। बारिश के दिनों में हालत और खराब हो जाती है। बावजूद इसके, निगम का ध्यान इस समस्या पर नहीं जाता है। यह सिल्ट आसपास के क्षेत्र के लोगो के लिए बदबू और बीमारियों का कारण बनती जा रही है।
जलभराव का कारण बनेगी सिल्ट: गौरतलब है कि, हर साल नगर निगम बरसात से पहले नाला सफाई का अभियान चलाता है। इसके तहत जून में अभियान संचालित किया गया था। निगम के मुताबिक 30 जून तक नालों की तल्लीझाड़ सफाई होनी है। हालांकि, शहर के कुछेक इलाकों में नाला सफाई अभियान जरूर चलाया जा रहा है, लेकिन, शहर के नालों से निकाली गई सिल्ट सड़कों पर ही फेंक दी गई है।
वहीं अधिकतर सभी प्रमुख नालों के बाहर जगह जगह सिल्ट और गंदगी का अंबार लगा है। जिसके चलते ना केवल यहां से निकलने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बल्कि, संक्रामक रोग फैलने का भी अंदेशा बना हुआ है। बावजूद इसके सबकुछ जानते हुए भी नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसके चलते शहरवासियों में नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ नाराजगी है।