Monday, October 13, 2025
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चोर-चोर का शोर, एक हाथ में डंडा, दूसरे में टार्च, पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान न देने की कही बात

  • आधी रात को रजबन छोटा बाजार में जुटे लोग।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर हो या देहात चोर का शोर कम होने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार रात सदर के रजबन छोटा बाजार में लोग दहशत में आ गए। छतों पर चोरों के छिपे होने की सूचना पर एसएचओ मुनेश कुमार शर्मा भी फोर्स लेकर पहुंच गए। तमाम गलियां खंगाली लेकिन कुछ पता नहीं चला। लोगों ने कहा कि आखिरकार पुलिस अफवाहों पर ध्यान ना देने की बात कहकर लौट गई।

रजबन छोटा बाजार वाला इलाका सकरी गलियों से मिलकर बना है। यहां छतें मिली हुई हैं। एक समय चोरी की लिहाज से बेहद सुरक्षित माना जाने वाला यह इलाका अब उतना ही असुरक्षित महसूस हो रहा है। यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि पिछले कई दिन से यहां चोर दिखाई दे रहे हैं। काले कपड़े, हाथ-पैर पर काला तेल मलकर वह घूम रहे हैं। छतों से रोशनी डालकर लोगों में दहशत पैदा करते हैं और फिर गायब हो जाता है। पुलिस को सूचना मिलती है लेकिन बात फैंटम तक सिमटकर रह जाती है।

मंगलवार देर रात रजबन छोटा बाजार फिर चोर…चोर…के शोर से गूंजने लगा। छतों पर किसी के होने की आहत मात्र से लोग एकत्र हो गए। डर इस कदर फैला कि युवतियां परछाईयां देखकर चीखने चिल्लाने लगीं और लोग उसी आवाज पर दौड़ने लगे। भीड़ जुटने की सूचना पर एसएचओ मुनेश कुमार शर्मा भी पहुंच गए। तभी किसी ने शोर मचा दिया।

पुलिस के सामने ही लोगों ने शोर मचा दिया। हर कोई बोलने लगा कि छत पर चोर है। एसएचओ भी पीए सिस्टम लेकर भीड़ के बीच पहुंच गए। मोहल्ले के लोगों को साथ लेकर एक एक गली, कई कई छत खंगाल डाली लेकिन कहीं कोई छिपा हुआ नहीं मिला। एक महिला तो पड़ौस के युवक को देखकर चिल्लाने लगी, जिसके पीछे लोग दौड़ पड़े। बाद में पता चला कि वह तो पड़ौस का युवक था।
रजबन छोटा बाजार के लोग कई दिन से रात रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यहां संदिग्ध चेहरों को देखा गया था। पुलिस से कहा तो कोई गौर नहीं किया गया। मजबूरन वह खुद ही अपनी सुरक्षा के लिए खड़े हो गए। अब एक हाथ में टार्च और दूसरे में डंडा लेकर टोलियां रात रात भर पहरा दे रही हैं।

गश्त बढ़ाने के आश्वासन पर लौटे

करीब एक घंटा एसएचओ फोर्स के साथ लोगों के बीच रहे लेकिन वह लोगों को आश्वस्त नहीं कर सके। आखिरकार उन्होंने भरोसा दिलाया कि पुलिस की फैंटम इलाके में रातभर में छह से आठ बार गश्त करेगी। ऐसे में किसी भी नागरिक को परेशान होने की जरूरत नहीं है। एसएचओ के काफी देर समझाने के बाद लोग घरों में चले गए लेकिन कुछ देर बाद वह दोबारा सड़कों पर दिखाई दिए।

 

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