– तीन बोरे मिट्टी में दबे थे, डॉक्टर नहीं पहुंचते।
सहारनपुर। चिलकाना क्षेत्र के दभेड़ा गांव में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गांव के एक खेत से गुरुवार को सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों से भरे तीन बोरे मिट्टी में दबे हुए मिले। ग्रामीणों ने जब खुदाई की, तो सरकारी सील लगे पैकेट और टेबलेट्स बाहर निकले। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में तीन साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला गया था, लेकिन यह उपकेंद्र कागजों तक ही सीमित रहा। ग्रामीणों के मुताबिक, यह केंद्र गांव के ही एक निजी घर में चलाया जा रहा था, जहां डॉक्टर और स्टाफ अक्सर अनुपस्थित रहते थे।
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी कोई मरीज दवा लेने जाता था, तो स्वास्थ्यकर्मी दवा खत्म है, कहकर उन्हें लौटा देते थे। लेकिन अब ये खुलासा हुआ है कि कई दवाइयां एक्सपायर हो जाने के बाद मिट्टी में गाड़कर नष्ट कर दी गईं। इससे पहले किसी ने इस पूरे मामले पर ध्यान नहीं दिया।
ग्राम प्रधान के मुताबिक, मैं खेत से गुजर रहा था तो मुझे मिट्टी में दबे कुछ पैकेट नजर आए। जब ग्रामीणों के साथ खुदाई कराई गई तो तीन बोरे सरकारी दवाइयों से भरे मिले। इसकी सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दी गई।
सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। विभागीय अधिकारियों ने उपकेंद्र का भी निरीक्षण किया और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अब उपकेंद्र को नियमित रूप से संचालित किया जाएगा। ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा-हमें तो कोई जानकारी नहीं है, मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि सरकारी दवाओं को खेत में दबाने जैसी घटना पाई गई तो जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

