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Wednesday, December 3, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशMeerutअवैध होटल को राहत, बनेगी पब्लिक की आफत!

अवैध होटल को राहत, बनेगी पब्लिक की आफत!

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  • होटल की पार्किग होगी नेहरू रोड पर, दिन हो या रात लगा करेगा अब भीषण जाम।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। नेहरू रोड पर बना अवैध होटल मेडा अधिकारियों की मेहरबानी से जनता की आफत बनने जा रहा है। पार्किंग सड़क पर करने से अब यहां जाम लगना तय माना जा रहा है। बड़ी बात ये है कि मेडा ने तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए इस होटल का कंपाउंड कर दिया है। हालांकि मेडा अफसर भी कहीं न कहीं अब फंसते नजर आ रहे हैं। क्योंकि इस होटल सहित अन्य दो निर्माणों को लेकर मेडा के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दायर हो चुकी है। जिसमें 11 सितंबर को सुनवाई होगी।

 

 

प्राधिकरण से चंद कदम की दूरी पर पुराने मकान को तोड़कर तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर अवैध रूप से होटल बनाने वालों को तो एमडीए ने तो कंपाउंड कर राहत दे दी। लेकिन यह राहत अब कचहरी व कलक्ट्रेट में आने जाने वालों के अलावा जो अन्य यहां से गुजरते हैं उन्हें भारी मुसीबत का तोहफा दे दिया है।

कचहरी जाने वाले दोनों पुलों कोआपरेटिव बैंक और मेघदूत पुल पर आए दिन भयंकर जाम लगता है। जब जाम लगता है, तो सारा ट्रैफिक नेहरू रोड से होकर गुजरता है। लेकिन जब इस अवैध होटल की पार्किंग ही नेहरू रोड पर होगी, तो बाकि की गाड़ियां कैसे निकल पाएंगी। आज से इस मार्ग पर भयंकर जाम की स्थिति बनने जा रही है। इस होटल में पार्किग के साथ ही फ्रंट और सेटबैक तक नहीं।

किस आधार पर कंपाउंड: किसी भी अवैध बिल्डिंग को कंपाउंड तभी किया जा सकता है, जब उसके अवैध हिस्से को ध्वस्त कर दिया जाए। मेडा उपाध्यक्ष होटल को कंपाउंड करने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि किसी आधार पर कंपाउंड किया गया है। होटल का निर्माण अवैध था, तभी इस पर सील लगायी गई।

सील लगाने के बाद कंपाउंड करने के लिए बिल्डिंग के अवैध हिस्से को ध्वस्त किया जाता है, लेकिन इस होटल के मामले में तो ऐसा कुछ नहीं किया गया है। ऐसे में क्या सील की कार्रवाई गलत थी? या फिर कंपाउंड गलत किया गया है? ऐसे सवालों में मेडा अफसर अब घिर गए हैं।

बगैर पार्किंग स्पेस के कंपाउंड कैसे: नेहरू रोड के जिस अवैध होटल को मेडा वीसी कंपाउंड करने की बात कह रहे हैं, उस होटल में पार्किंग स्पेस ही नहीं है। फोटो में भी साफ नजर आ रहा है कि होटल में आने जाने के लिए रोड का कुछ हिस्सा भी कवर किया गया है। क्या प्राधिकरण ने होटल के मालिक को रोड पर ही पार्किग की इजाजत दे दी है। यदि ऐसा नहीं है, तो बगैर पार्किग स्पेस के पहले जिस होटल को अवैध बताकर सील किया गया, वो अब कंपाउंड कैसे कर दिया गया।

कितना टिक पाएगी हाईकोर्ट के सामने

तीन बडे अवैध निमार्णों को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने जो पीआईएल दायर की है। उसमें जिन तीन अवैध निमार्णों पर सुनवाई होनी है उनमें नेहरू रोड पर अवैध होटल का निर्माण, शंकर आश्रम के सामने अवैध रूप से चौथी मंजिल की तैयारी और पीएल शर्मा रोड पर किंग बेकरी का अवैध निर्माण। तीनों अवैध निमार्णों को लेकर दायर की गई पीआईएल पर 11 सितंबर को सुनवाई की जानी है। तमाम तकनीकि पहलुओं की अनदेखी कर नेहरू रोड के अवैध होटल को कंपाउंड किया गया है, उसको लेकर एमडी के अफसर हाईकोर्ट के सामने कहां तक टिक पाएंगे यह कहना अभी मुमकिन नहीं। लेकिन इतना जरूर है कि जो पीआईएल दायर की गयी है, उसमें मुख्य मुद्दा बगैर पार्किग के होटल को कंपाउंड कर दिया जाना है। यह तकनीकि खामी तीनों ही अवैध निमार्णों में है।

 

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