– विदेश से नोट छापने के लिए मंगाते थे कागज।
हापुड़। एटीएस ने हापुड़ के पिलखुआ में चल रहे एक हाईटेक नकली नोट छापने वाले गिरोह का पदार्फाश किया है। इस गिरोह को एक रेलवे प्वाइंट्समैन ही आॅपरेट कर रहा था। मास्टरमाइंड गजेंद्र यादव और उसके साथी सिद्धार्थ झा को मौके से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से जाली नोट और उन्हें छापने के अत्याधुनिक उपकरण बरामद हुए हैं। पिलखुआ के फरीद नगर भोजपुर रोड पर एटीएस ने आरोपियों को उनकी कार से धर दबोचा। तलाशी में 3.90 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए, जिसमें 500, 200 और 100 के नोट शामिल थे। पूछताछ में आरोपियों ने नोट छापने का ठिकाना दिनेश नगर पिलखुआ में एक किराए के फ्लैट में होने की बात कबूली। वहां से एटीएस को नोट छापने का पूरा सेटअप मिला।
बरामद सामान में वाटरमार्क और थ्रेड वाला सिक्योरिटी पेपर, तीन प्रिंटर, दो लैपटॉप, लेमीनेशन मशीन, मेटल पेपर कटर, इंक बॉटल्स, स्प्रे और सिक्योरिटी शीट्स शामिल हैं। यही नहीं, फोटोशॉप फाइलें (ढरऊ) वाली दो पेन ड्राइव और पांच मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए गए हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि नकली नोट बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला खास पेपर विजय वीर चौधरी नामक शख्स मुहैया कराता था। वह अलीबाबा डॉट कॉम के जरिए यह पेपर चीन से मंगवाता था। एटीएस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है।
गजेंद्र यादव, जो कि फिलहाल लाखन रेलवे स्टेशन पर प्वाइंट्समैन की पोस्ट पर तैनात है, विजय वीर से पेपर खरीदता था और सिद्धार्थ झा के साथ मिलकर नोट छापता था। गिरोह सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों से संपर्क करता और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नकली नोटों की सप्लाई करता था।
इस मामले में अब तक रेल कर्मचारी गजेंद्र यादव, सिद्धार्थ झा, विजय वीर चौधरी हैं। इनके पास से 3.90 लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा, 500 के 400 नोट, 200 के 800 नोट, 100 के 300 नोट, अर्ध-निर्मित नोट और नोट छापने की सामग्री, 6 टेप रोल, 103 सिक्योरिटी शीट, 2 लैपटॉप, 3 प्रिंटर, लेमीनेशन मशीन, मेटल पेपर कटर, इंक, स्प्रे, मोबाइल फोन, 2 पेन ड्राइव, एक कार बरामद हुई है।
फिलहाल एटीएस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि गिरोह के तार किन-किन जिलों और राज्यों से जुड़े हैं।