- षडयंत्र के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।
एजेंसी, नई दिल्ली। सोनिया गांधी के दामाद और जाने-माने बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुग्राम जमीन घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ह्यमेरे जीजाजी को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह ताजा आरोपपत्र उसी षडयंत्र का एक और हिस्सा है। मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूं क्योंकि उन्हें दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न का एक और हमला झेलना पड़ रहा है। मुझे पता है कि वे सभी किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना करने के लिए पर्याप्त बहादुर हैं और वे गरिमा के साथ ऐसा करते रहेंगे। आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।
गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों जैसे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की कुल 43 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में 7.5 करोड़ रुपये में 3.53 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन गुरुग्राम के शिखोपुर में खरीदी गई थी। आरोपों के मुताबिक परियोजना पूरी किए बिना ही उतनी ही जमीन 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई।
चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से 18 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। रॉबर्ट वाड्रा के साथ-साथ हरियाणा के कई अन्य कांग्रेस नेताओं से भी इस मामले में पूछताछ की गई थी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन धोखाधड़ी से खरीदी थी। यह जमीन उन्होंने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 12 फरवरी 2008 को खरीदी थी और इसमें झूठा दस्तावेजी बयान देने का आरोप है। आरोप ये भी है कि वाड्रा ने अपना निजी प्रभाव का इस्तेमाल करके इस जमीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस भी हासिल कर लिया। अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है।