Saturday, May 31, 2025
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आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया: पीएम मोदी

मधुबनी में पीएम मोदी ने पहलगाम पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।


एजेंसी, मधुबनी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित करने के लिए कुछ पल का मौन रखा और कश्मीर के पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। कहा पहलगाम नरसहांर को अंजाम देने वाले मिट्टी में मिला दिये जाएंगे। प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि जिनको हमने खोया उन्हें नमन। भाषण से पहले पीएम मोदी ने मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इन आतंकियों को और इस हमले की साजिश करने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।”

बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं कि भारत हर आतंकवादी और उसके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें धरती के आखिरी छोर तक छोड़ने वाले नहीं हैं। आतंकवाद से भारत की आत्मा टूटने वाली नहीं है। न्याय होगा और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा देश इस मुद्दे पर एकसाथ खड़ा है। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ खड़ा है। मैं दुनिया के देशों के लोगों और उनके नेताओं को धन्यवाद देता हूं जो हमारे साथ खड़े हैं।

 

आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पूरा देश बिहार से जुड़ा है। यहां बिहार के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। बिजली रेल और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विभिन्न कार्यों से बिहार में रोजगार के नए मौके बनेंगे। बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायत को इंटरनेट से जोड़ा गया है 5.30 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांव में बने हैं। पंचायत के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है जीवन-मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र ऐसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायत की एक और समस्या भूमि विवाद से जुड़ी रही है। कौन सी जमीन आबादी की। कौन सी जमीन खेती की है। पंचायत की कौन सी है। सरकारी जमीन कौन सी है। इन सारे विषयों पर अक्सर विवाद रहता था। इसके समाधान के लिए जमीनों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, इससे अनावश्यक विवादों को सुलझाने में मदद मिली है।

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