Friday, June 27, 2025
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नार्थ ईस्ट हमारे लिये अष्टलक्ष्मी: प्रधानमंत्री मोदी

  • पीएम ने राइजिंग नार्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उदघाटन किया।

एजेंसी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट हमारे लिये अष्टलक्ष्मी है। नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य आज कह रहा है कि हम विकास के लिए तैयार हैं। भारत के 2047 तक विकसित होने के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों का विकसित होना बेहद जरूरी है।

दो दिन चलने वाला ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा। समिट का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत को निवेश और विकास की दृष्टि से एक उभरते हुए क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करना है। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस कार्यक्रम में बांस से बना गुलदस्ता देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।

 

 

राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में पीएम मोदी ने कहा, आज जब मैं राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट के इस भव्य मंच पर हूं, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है और सबसे बड़ी बात है कि भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले यहां भारत मंडपम में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था।

आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में निवेश का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपनें हैं। भारत को दुनिया का सबसे डाइवर्स नेशन कहा जाता है। हमारा नॉर्थ ईस्ट इस डाइवर्स नेशन का सबसे डाइवर्स हिस्सा है।

 

 

पीएम मोदी ने कहा, विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। नॉर्थ ईस्ट पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए ईस्ट का मतलब है- एंपावर, एक्ट, स्ट्रेंथ और ट्रांसफॉर्म। पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक नॉर्थ ईस्ट की डायवर्सिटी उसकी बहुत बड़ी स्ट्रेंथ है। 700 से ज्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला। पिछले 11 वर्षों में जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है। वो जमीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है।

 

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