- हत्या की आशंका, देवरायपुर में हुई घटना, 21 दिन से लापता था 11 साल का मोनू
- खेत में मिले मासूम के टुकड़े।
बहराइच। गेहूं की कटाई के दौरान जो हुआ, उसे देख गांव वाले सन्न रह गए। खेत में चल रही कंबाइन मशीन अचानक कुछ अजीब फंसा तो किसान रुका। नजदीक जाकर देखा तो होश उड़ गए—शव के टुकड़े थे। जांच में पता चला कि ये अवशेष 21 दिन से लापता 11 साल के मोनू के हैं। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद देवरायपुर गांव में मातम पसर गया।
घटना बृहस्पतिवार शाम करीब 6 बजे की है। देवरायपुर गोशाला के पास खेत में विजय शंकर राव गेहूं की कटाई कर रहे थे। तभी कंबाइन में कुछ फंसा। मशीन रोकी तो देखा-बच्चे के शव का हिस्सा है। तुरंत गांव के प्रधान को बताया गया। फिर हरदी पुलिस को सूचना दी गई।
13 मार्च से लापता था मोनू मोनू की गुमशुदगी 13 मार्च को हुई थी। परिजन थाने-दर-थाने भटके लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। आखिरकार जब मोनू के पिता गोपाल यादव ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर गुहार लगाई, तब हरदी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई। मौके पर पहुंचे प्रधान पति आलोक कुमार ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मोनू के पिता गोपाल को बुलाया, जिन्होंने शव के कपड़ों से अपने बेटे की पहचान की। परिजनों ने साफ कहा—यह महज हादसा नहीं, हत्या है। क्योंकि जहां शव मिला, वहां खून का कोई निशान नहीं है।
ग्रामीण बोले- कहीं और मारा, यहां फेंका गया किसान विजय शंकर राव ने बताया कि शव के टुकड़े कंबाइन मशीन में फंसे हुए थे, जिससे वे क्षत-विक्षत हो गए। ग्रामीणों का मानना है कि बच्चे की हत्या कहीं और कर शव को खेत में फेंका गया है। मोनू के पिता गोपाल यादव की दो शादियां हुई थीं। पहली पत्नी कुसमा से बेटा सोनू (15) और दूसरी पत्नी नीलम से मोनू (11) और स्वाति (13)। नीलम लखनऊ में बच्चों के साथ रहती थीं। दो साल पहले मोनू को गोपाल अपने पास गांव ले आए थे।
पुलिस और मीडिया के बीच झड़प घटनास्थल पर कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों और पुलिस के बीच तनातनी हो गई। पुलिस ने मीडियाकर्मियों को मौके से हटने को कहा, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। पुलिस ने अवशेषों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गई है। थानाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद मामले की गंभीरता के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की लापरवाही सवालों के घेरे में 21 दिन बाद मोनू की लाश खेत में मिली और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज कराने में परिजनों को मशक्कत करनी पड़ी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर पुलिस ने समय रहते कदम उठाया होता तो शायद मासूम की जान बच सकती थी। के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट के बाद मामले की गंभीरता के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।