– दो लाख की मांगी थी रिश्वत, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय मेरठ का आदेश।
नोएडा। सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय मेरठ के आदेश पर गौतमबुद्ध नगर के वर्तमान एडीएम न्यायिक, पूर्व एडीएम और पूर्व पेशकार के खिलाफ रिश्वत के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। एडवोकेट देवराज नागर ने मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट को बताया कि वह दनकौर क्षेत्र के ढाकावाला गांव के रहने वाले हैं। गांव की एक जमीन को लेकर उनका स्नेहलता, सविता देवी और सुरेश देवी से विवाद चल रहा है। विपक्षी द्वारा पूर्व में यह मामला सीओ चकबंदी के यहां दाखिल किया गया था।
इसके बाद यह मामला उपसंचालक अधिकारी चकबंदी के कोर्ट में पहुंचा। तत्कालीन एडीएम/उपसंचालक अधिकारी चकबंदी दिवाकर सिंह की कोर्ट ने देवराज नागर के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद एडीएम ने अपने ही आदेश पर स्टे लगा दिया और देवराज नागर पक्ष पर जुर्माना लगाया।
देवराज नागर ने बताया कि उन्होंने जुर्माना राशि को कलेक्ट्रेट में जमा कर दिया। इसके बाद एडीएम दिवाकर सिंह का ट्रांसफर हो गया और उनके स्थान पर एडीएम भैरपाल सिंह ने चार्ज संभाला। आरोप है कि एडीएम कोर्ट ने अपने ही आदेश को रीकॉल कर दिया।
इसके बाद देवराज पक्ष को मिलने के लिए बुलाया। देवराज नागर का आरोप है कि एडीएम ने इस मामले का रेस्टोरेशन खारिज करने के लिए दो लाख रुपए रिश्वत की मांग की। रिश्वत नहीं देने पर केस को मेरिट पर मूल नंबर पर कायम करने के लिए डराया।
पीड़ित का आरोप है कि उन्होंने रिश्वत देने से मना कर दिया और अधिकारी की शिकायत मुख्यमंत्री और चकबंदी आयुक्त से की। इसके साथ ही सूरजपुर कोतवाली पुलिस को भी एक लिखित शिकायत दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर वर्तमान एडीएम न्यायिक भैरपाल सिंह और पूर्व एडीएम दिवाकर सिंह और इनके पेशकार शीशपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।