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NIA ने किया बड़ा खुलासा, ISIS के बाद हिज्ब-उत-तहरीर बना भारत के लिए बड़ा खतरा

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नई दिल्ली : हिज्ब-उत-तहरीर का बढ़ता नेटवर्क भारत के लिए खतरा बन रहा है. NIA ने चार राज्यों में स्लीपर सेल के एक्टिव होने पर अलर्ट जारी कर दिया है। NIA ने आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के देश में बढ़ते नेटवर्क पर अलर्ट जारी किया है। इस आतंकी संगठन को भारत में ISIS के बाद सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। हाल ही में NIA ने आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में इस संगठन को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। केंद्रीय एजेंसी को शक है कि तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में हिज्ब-उत-तहरीर के स्लीपर सेल सक्रिय हैं जो संगठन की गतिविधियों को गुप्त रूप से बढ़ावा दे रहे हैं।

हाल ही में केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकी संगठन घोषित कर इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, ये संगठन देशभर में कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में लिप्त करने का प्रयास कर रहा है. संगठन पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने का भी आरोप है जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा है. सरकार ने कहा है कि आतंकी ताकतों से सख्ती से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

लोकतांत्रिक सरकारों को निशाना बनाता संगठन: केंद्र सरकार का कहना है कि HuT का मुख्य उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंकना है. संगठन का इरादा भारत सहित विश्व स्तर पर इस्लामिक शासन स्थापित करना है. इस खतरे को देखते हुए इसे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती माना जा रहा है.

NIA ने किया संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार: NIA ने हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े कई संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है और हाल ही में संगठन से जुड़े 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। जांच में पता चला है कि ये संगठन सोशल मीडिया एप्स के माध्यम से युवाओं को गुमराह कर संगठन में भर्ती करने का प्रयास कर रहा है. जानकारी के अनुसार HuT का मुख्यालय लेबनान में स्थित है और इसका मकसद भारत में एक इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना है. ऐसे में देश में आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए NIA ने अपनी निगरानी और सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है और केंद्रीय एजेंसियां अब देश के चारों राज्यों में इस संगठन के नेटवर्क को खत्म करने के लिए गहन जांच और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं।

 

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