– मृतक के पिता ने डीआईजी से मिलकर लगाया आरोप, मामले की निष्पक्ष जांच की लगाई गुहार
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पल्लवपुरम थानाक्षेत्र के सोफीपुर में रहने वाले राजकुमार पीटर गुरुवार को डीआईजी रेंज कलानिधि नैथानी से मिले। उन्होंने अपने पुत्र की आत्महत्या के लिए उसकी पत्नी और ससुराल वालों को जिम्मेदार बताते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की।
राजकुमार पीटर ने बताया कि उनके पुत्र अभिषेक पीटर की शादी सात साल पहले कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के शिवलोक पुरी को बबीता उर्फ कनिका से हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद से ही कनिका अभिषेक को परिवार वालों से अलग रहने का दबाव बनाती थी और इसके लिए वह अपने परिजनों संग आए दिन अभिषेक का उत्पीड़न भी कर रही थी। जिसके चलते अभिषेक अपनी पत्नी बबीता को लेकर अलग किराये के मकान में रहने लगा।
लेकिन इसके बाद भी बबीता और उसके परिवार वाले लगातार उसको अलग से मकान खरीदकर बबीता के नाम कराने का दबाव बनाते थे। तब मजबूर होकर एक मकान सुपरटेक कॉलोनी, पल्लवपुरम, मेरठ में लोन पर ले लिया और बबीता के साथ उक्त मकान में रहने लगा।
उन्होंने बताया कि अभिषेक चंडीगढ यूनिवर्सिटी के होटल मैनेजमेन्ट विभाग में असिस्टेन्ट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था। अभिषेक ज्यादातर अपनी जॉब के कारण चंडीगढ ही रहता था। जबकि, उसकी पत्नी मेरठ में रहती थी। आरोप है कि बबीता और उसके परिवार वालों ने एक सोची समझी साजिश के तहत प्रार्थी के पुत्र अभिषेक का एक लाईफ इंश्योरेन्स का टर्म प्लान करा दिया था, जिसमें बबीता ने एक सोची समझी साजिश के तहत नॉमिनी के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया था। उन्होंने बताया कि, 28 नवंबर को अभिषेक आया। इस दौरान अभिषेक ने बताया कि, बबीता का किसी राहुल शर्मा नाम के लड़के से नाजायज सम्बन्ध है। इसलिए मैं अब जीना नहीं चाहता।
उन्होंने कहा कि इसके बाद वह जब पल्लवपुरम पहुंचे तो अभिषेक का शव संदिग्ध हालत में उसके कमरे पर मिला जबकि उसके फोन में एक मैसेज था जिसमें लिखा हुआ था कि मेरी मौत पर जिम्मेदार मेरे ससुराल पक्ष के लोग और मेरी पत्नी है। मृतक अभिषेक के परिजनों का आरोप है कि, इस मामले में पुलिस अभिषेक को सुसाइड करने पर मजबूर करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि, वह कई बार थाना पुलिस के चक्कर लगा चुके हैं। डीआईजी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।