- प्रदेश की पहली विश्वस्तरीय सुविधाओं वाली टाउनशिप बनाने जा रहा है मेडा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेडा की टाउनशिप प्रदेश की पहली ऐसी टाउनशिप होगी, जिसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी। ये टाउनशिप एनसीआर का केंद्र होगी, जिसके लिए करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये से 84 हेक्टेयर जमीन की खरीद पूरी हो गई है।
टाउनशिप की खासियत होगी कि इसमें आईटी सेक्टर भी होगा। हाईवे के साथ ही कुछ ग्रामीण इलाकों में फीडर मार्ग से कनेक्टिविटी होगी। इस टाउनशिप शहर के एक छोर पर होगी, जहां से गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव, दिल्ली, फरीदाबाद आदि पहुंचना आसान होगा। इसी के साथ यहां न केवल लोग रहेंगे बल्कि उद्योग भी चलेंगे।
मेडा पहले फेज के अंतर्गत 142 हेक्टेयर में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करेगा। टाउनशिप जहां विकसित की जाएगी वहां स्पेशल डवलपमेंट एरिया (एसडीए) प्रस्तावित है। एनसीआरटीसी ने यहां मिश्रित भू उपयोग रखा गया है। यहां रिहाइश के साथ ही औद्योगिक गतिविधियां भी होंगी। मेरठ साउथ स्टेशन पर रैपिड और मेट्रो दोनों ही ट्रेनों की सुविधा यात्रियों को मिलेगी। रैपिड लगातार चल रही है। यहां से ट्रेन बदलकर आसानी से सफर किया जा सकेगा। इसके अलावा यहां बस टर्मिनल भी बनाया जाएगा, जिसका काम दो महीने के भीतर शुरू होने की संभावना है।
दूसरी ओर इस टाउनशिप की खासियत होगी कि शहर के साथ ही आसपास के जनपदों से भी यहां आना-जाना बेहद आसान होगा। आरआरटीएस स्टेशन, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मोहिउद्दीनपुर स्टेशन की दूरी यहां से महज डेढ़ किमी. रहेगी। सिटी स्टेशन से दस और परतापुर से चार किमी. की दूरी रहेगी। ऐसे में यहां तैयार सामान को बाजार भी सुलभता से मिलेगा। वहीं जून तक मोदीपुरम से पूरे मेरठ में रैपिड शुरू होने का लक्ष्य है। दिल्ली व जेवर से कनेक्टिविटी से दुनियाभर में सामान निर्यात किया जा सकेगा। हाइवे के साथ ही परतापुर, गगोल आदि ग्रामीण क्षेत्रों से भी फीडर मार्ग के जरिए टाउनशिप जुड़ेगी।
मेडा की इस टाउनशिप में फ्लैटेड फैक्ट्री कल्चर भी विकसित होगा। अभी तक जहां कारखाने और फैक्ट्रियां भूखंड में ही बनती हैं, लेकिन न्यू टाउनशिप में स्टील्ड स्ट्रक्चर के तहत फैक्ट्रियां वर्टिकल (ऊर्ध्वाधर) बनाई जाएंगी। इसमें अलग से औद्योगिक ब्लॉक बनाया जाएगा, जिसमें कई तल पर फैक्ट्री संचालित हो सकेंगी। एनसीआर की आठ फीसदी आवासीय और व्यावसायिक जरूरतों को यह पूरा करेगी। इसके तहत पहले फेज में करीब साढ़े पांच करोड़ के खर्च से 84 हेक्टेयर जमीन की खरीद हो गई है। इसमें 1.85 लाख लोगों के लिए 41 हजार 575 आवास इसमें बनेंगे।
महायोजना-2031 के तहत औद्योगिक क्षेत्र में 75 फीसदी, व्यवसायिक क्षेत्र में 96 फीसदी और आवासीय क्षेत्र में 50 फीसदी का इजाफा किया गया है। नई महायोजना 1043 वर्ग किमी. की है, जबकि महायोजना-2021 में 500 वर्ग किमी. का ही क्षेत्र था। मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि इंटीग्रेटेड टाउनशिन के लिए तेजी से जमीन खरीद हो रही है। उन्होंने बताया कि इसमें 41575 फ्लैट बनाए जाएंगे, जिनसे एक लाख 85 हजार लोगों को आवास मिलेंगे।