Nepal Protest Updates: नेपाल में प्रदर्शनकारियों ने जिला अदालत को भी फूंक दिया, वही सड़कों पर अब सेना उतर आई हैं, नेपाल आर्मी ने अवैध हथियार-गोलाबारूद सरेंडर करने की अपील की हैं।
नेपाल में बीते दो दिनों से Gen-Z बवाल कर रहे हैं। केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा है। अब सेना सुरक्षा संभाल रही है। नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों और सोशल मीडिया बैन पर हुए जनविरोधी आंदोलन के बाद इस्तीफा दे दिया। इन प्रदर्शनों में पुलिस कार्रवाई के दौरान कम से कम 22 लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल हुए।
यह खबर भी पढ़िए:- काठमांडू में फंसे भारतीयों ने भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार
हजारों प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों में घुस गए और कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं सामने आईं। जिला प्रशासन कार्यालय, चुनाव कार्यालय, अदालत और अन्य सरकारी भवन जलाए गए. स्थानीय राजनीतिक दलों के दफ्तर और सुपरमार्केट भी आग की चपेट में आ गए. हालात बिगड़ने पर नेपाल आर्मी को बड़े शहरों में तैनात किया गया है, जो जनता से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।
उधर, नेपाल की हिंसा का असर भारत पर भी पड़ सकता है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि उपद्रवी तत्व भारत-नेपाल सीमा से लगे उत्तर प्रदेश और बिहार के जिलों में अशांति फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। इसी को देखते हुए सशस्त्र सीमा बल, यूपी पुलिस और बिहार पुलिस को सतर्क कर दिया गया है ताकि सीमा पार हिंसा का असर भारत में न फैल पाए।
नेपाल आर्मी ने अवैध हथियार सरेंडर करने की अपील की
नेपाल आर्मी ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने पास मौजूद अनाधिकृत हथियार और गोलाबारूद सुरक्षा कर्मियों के पास सरेंडर कर दें। आर्मी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, “इन हथियारों का दुरुपयोग हो सकता है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है, इसलिए जिन लोगों को भी इसकी जानकारी मिले, उनसे अनुरोध है कि वे सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें और संबंधित लोगों को हथियार सौंपने के लिए प्रोत्साहित करें.”

प्रदर्शनों के बाद Gen-Z ने रखी अपनी मांगें
आंदोलन के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें राष्ट्रपति और सेना के सामने पेश की हैं. उन्होंने आंदोलन के दौरान शहादत पाने वालों को आधिकारिक रूप से “शहीद” घोषित करने, शहीद परिवारों को राष्ट्र की ओर से सम्मान, अभिनंदन और राहत देने, बेरोजगारी-पलायन और सामाजिक अन्याय को समाप्त करने के लिए विशेष कार्यक्रम लाने की मांग की है। आंदोलन किसी दल या व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण पीढ़ी और राष्ट्र के भविष्य के लिए, शांति केवल नई राजनीतिक व्यवस्था की नींव पर ही संभव होगी। राष्ट्रपति और नेपाली सेना से उम्मीद कि प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से लागू किया जाएगा।
मुख्य राजनीतिक मांगें
– वर्तमान प्रतिनिधि सभा को तत्काल भंग किया जाए।
– संविधान का संशोधन या पुनर्लेखन हो, जिसमें नागरिकों, विशेषज्ञों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी हो।
– अंतरिम अवधि समाप्त होने के बाद स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रत्यक्ष जनसहभागिता पर आधारित नया चुनाव कराया जाए।
– प्रत्यक्ष निर्वाचित कार्यकारी नेतृत्व की स्थापना की जाए।
तात्कालिक कार्ययोजना
– पिछले तीन दशकों में लूटी गई संपत्ति की जांच कर अवैध संपत्ति का राष्ट्रीयकरण किया जाए।
– शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, सुरक्षा और संचार जैसे पांचों मूलभूत संस्थानों का संरचनात्मक सुधार और पुनर्गठन किया जाए।
Nepal Protest: पूरे नेपाल में रात्रि कर्फ्यू लागू
नेपाल में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं सेना ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए पूरे देश में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है, यह कर्फ्यू शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा।



