- व्यापारियों ने समस्याओं को लेकर किया विधुत विभाग के अधिकारी का घेराव।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर मंगलवार को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के दर्जनों सदस्य विधुत विभाग के अधीक्षक अभियंता से मिले। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि, विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर प्रीपेड मीटर लगाने का काम किया जा रहा है। लेकिन इन स्मार्ट प्रीपेड मीटर में अभी बहुत सुधार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि, प्रीपेड मीटर लगाए जाने से पूर्व विभाग में जमा सिक्योरिटी वापिस करवाई जाए। क्योंकि सिक्योरिटी लेते समय उपभोक्ता को उधार बिजली दी जा रही थी। प्रीपेड मीटर लगाए जाने के बाद सिक्योरिटी जमा रखने का कोई कारण विभाग के पास नहीं है।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि प्रीपेड मीटर लगाए जाने से पूर्व मीटर की जॉच लीगल माइट्रोलॉजी विभाग द्वारा कराई जानी आवश्यक है। साथ ही लीगल माइट्रोलॉजी विभाग के नियमानुसार प्रत्येक वर्ष मीटर की जाँच होना आवश्यक है। मीटर की जाँच की जिम्मेदारी विक्रेता अर्थात बिजली विभाग की सुनिश्चित की जाए। प्रीपेड मीटर लगाए जाते समय मीटर का मैनुअल व गारंटी कार्ड उपभोक्ता को उपलब्ध कराया जाये।
उन्होंने कहा कि बिजली कटौती के लिए रोस्टर घोषित किया जाये और उसकी सूचना सार्वजनिक की जाए। अघोषित बिजली कटौती को पूर्णतय प्रतिबन्धित किया जाये। उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में दिए गए प्रार्थनापत्र में रिसिविंग दी जाए। मीटर विभाग द्वारा मीटर लगाते और उतारते समय सीलिंग सार्टीफिकेट मौके पर नहीं दिए जाते है। जिससे उपभोक्ता का उत्पीड़न व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। 100 प्रतिशत सीलिंग सार्टीफिकेट मौके पर दिये जाने की व्यवस्था को सुनिश्चित किये जाने के आदेश पारित किया जाए।