बीस सालों के हवाई उड़ान के सपने को अब जल्द लग सकते हैं पंख, शासन ने दिया निर्देश।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर के लोगों का हवाई उड़ान का सपना अब हकीकत में बदलने के और करीब आ गया है। पिछले 20 सालों से जो बड़ी बाधा हवाई पट्टी के विस्तार को रोके हुए थी, उसे अब प्रदेश सरकार ने दूर कर दिया है। 46.53 एकड़ जमीन पर नागरिक उड्डयन विभाग का नाम दर्ज न होने की समस्या को सुलझा लिया गया है, जिससे अब एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया (अअक) यहां से 72 सीटर विमानों का परिचालन शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं।
मेरठ हवाई पट्टी की 46.53 एकड़ जमीन, जो पहले से ही नागरिक उड्डयन विभाग के कब्जे में थी, उसका पूरा भुगतान शासन ने मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) को नहीं किया था। इसी कारण यह जमीन विभाग के नाम पर दर्ज नहीं हो पा रही थी, और एएआई इस पर कोई काम शुरू करने को तैयार नहीं थी। लेकिन अब जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह के प्रयासों से शासन ने बकाया राशि 6.69 करोड़ रुपए मेडा को दे दी है। इस भुगतान के बाद, जमीन को नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कदम हवाई पट्टी के प्रथम चरण के विस्तार के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
उड़ान भरने में अभी कुछ चुनौतियां बाकी: भले ही एक बड़ी बाधा दूर हो गई हो, लेकिन प्रथम चरण में 72 सीटर विमानों की उड़ान के लिए अभी भी कुछ चुनौतियाँ बाकी हैं। एएआई ने कुल 96.14 एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की थी। प्रशासन का दावा है कि उनके कब्जे में 75 एकड़ जमीन है, लेकिन यह भी मांग से करीब 20 एकड़ कम है। बाकी की जमीन पर किसानों के साथ कानूनी विवाद अभी भी चल रहा है। इसके साथ ही, हवाई पट्टी के विस्तार के लिए मास्टर प्लान में दिखाई गई बिजली की लाइनों और अन्य अवरोधों को भी अभी तक हटाया नहीं गया है। ये बाधाएं अअक के लिए काम शुरू करने में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
दूसरे और तीसरे चरण की योजना
भविष्य को देखते हुए, अअक ने दूसरे और तीसरे चरण के विस्तार के लिए क्रमश: 300 और 200 एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की है। हालांकि, इन चरणों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी शुरूआती दौर में ही है। वर्तमान में हवाई पट्टी की लंबाई 1,470 मीटर और चौड़ाई 23 मीटर है। प्रथम चरण में इसे 2,700 से 3,000 मीटर लंबा और 200 मीटर चौड़ा बनाने की योजना है, जो 72 सीटर विमानों के लिए पर्याप्त होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मेरठ से पहली कॉमर्शियल फ्लाइट कब उड़ान भरती है।