- गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को सौंपा गया पहला मेरठ मेट्रो का ट्रेनसेट
शारदा रिपोर्टर
मेरठ: गुजरात के सावली स्थित मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट में मेरठ मेट्रो के पहले ट्रेनसेट की पहली झलक का अनावरण किया गया और प्रथम मेरठ मेट्रो की ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपा गया।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश नतिन रमेश गोकर्ण, परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंगारिया, निदेशक इलेक्ट्रिकल एवं रोलिंग स्टॉक महेंद्र कुमार, निदेशक सिस्टम एवं आॅपरेशंस नवनीत कौशिक, निदेशक वित्त, नमिता मेहरोत्रा, एल्सटॉम के एमडी ओलिवियर लोइसन व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में एक बटन दबाकर मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट का अनावरण किया। उसके बाद एल्सटॉम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ने एनसीआरटीसी के एमडी को औपचारिक रूप से मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की चाबियां सौंपी। इस ट्रेनसेट अनावरण और ट्रेन सौपने के साथ ही मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेट डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहला ट्रेनसेट जल्द ही एनसीआरटीसी के दुहाई डिपो में पहुंचेगा।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के माननीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से इस अवसर के लिए अपनी शुभकामनाएं और बधाईयां साझा कीं। श्री पुरी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 से शहरी निवासियों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया है। महानगरीय शहरों में एक मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली स्थापित करना भारत के शहरी कायाकल्प के हमारे दृष्टिकोण का एक बुनियादी पहलू है। 2014 में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार महज 248 किमी तक था, जिसे हमने आज 905 किमी तक बढ़ा दिया है। आरआरटीएस और एमआरटीएस इस परिवर्तन के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। इस ओर अब तक हुई अभूतपूर्व प्रगति ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने की ओर बढ़ा दिया है। आज, जब हम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के मेरठ सेक्शन के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एमआरटीएस ट्रेनसेट (मेरठ मेट्रो) लॉन्च कर रहे हैं, तो हम एक बार फिर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस अवसर पर एनसीआरटीसी एमडी, विनय कुमार सिंह ने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास में जबरदस्त वृद्धि देखी है। इस वातावरण ने देश की पहली आरआरटीएस परियोजना सहित कई परिवर्तनकारी परियोजनाओं के कार्यान्वयन को संभव बनाया है। नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होंगी। ट्रेनसेट निर्माण के लिए अनुबंध दिया गया था, जिसके तहत वे मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाले ट्रेनसेट की डिलिवरी करेंगे और 15 साल की अवधि के लिए इन रोलिंग स्टॉक का रख रखाव भी एल्सटॉम करेगी। ये ट्रेनसेट अपने आकर्षक और आधुनिक डिजाइन के साथ ही ऊर्जा की बचत करने में सक्षम होंगे और पुनयोर्जी ब्रेकिंग सिस्टम से लेस होंगे, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ संगत होंगे। इन मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा है।
मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 23 किमी
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 23 किमी है, जिसमें 18 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है और 5 किमी का सेक्शन भूमिगत है। मेरठ में कुल 13 स्टेशन हैं, जिनमें से 9 स्टेशन एलिवेटेड और 3 स्टेशन भूमिगत स्टेशन हैं। एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्राउंड लेवल पर होगा।
मेरठ मेट्रो के स्टेशन मेरठ साउथ (एलिवेटेड), परतापुर (एलिवेटेड), रिठानी (एलिवेटेड), शताब्दी नगर (एलिवेटेड), ब्रह्मपुरी (एलिवेटेड), मेरठ सेंट्रल (भूमिगत), भैसाली (भूमिगत), बेगमपुल (भूमिगत), एमईएस कॉलोनी (एलिवेटेड), दौरली (एलिवेटेड), मेरठ नॉर्थ (एलिवेटेड), मोदीपुरम (एलिवेटेड), और मोदीपुरम डिपो (धरातल पर) हैं।