– कहा- टीसी ले जाओ या बच्ची का मेडिकल कराओ।
मुरादाबाद। एक पिता ने मदरसा मैनेजमेंट पर आरोप लगाया है कि उसने अपने यहां सातवीं में पढ़ने वाली छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की डिमांड की। ऐसा नहीं करने पर छात्रा को टीसी देकर मदरसे से निकालने की धमकी भी दी। छात्रा के परिजनों की ओर से मिली शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है। लेकिन, पुलिस का कहना है कि अब छात्रा के परिजन सामने नहीं आ रहे हैं। बच्ची चंडीगढ़ की रहने वाली है। वो फिलहाल पाकबड़ा क्षेत्र स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल कॉलेज (मदरसा) में सातवीं की छात्रा है।
छात्रा के पिता की ओर से पुलिस को ये शिकायत 14 अक्टूबर को की गई थी। छात्रा के परिजनों ने पुलिस से कहा कि मदरसा मैनेजमेंट ने उनका और उनकी बेटी का चरित्र हनन किया है। पीड़ित पिता ने पुलिस और प्रशासन से इस मामले की जांच कराने और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
छात्रा को आठवीं क्लास में प्रमोट कराने के लिए परिजन जब मदरसे में गए, तब मैनेजमेंट ने उनसे बच्ची का वर्जिनिटी सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कहा। इस से आहत होकर परिजन बच्ची को लेकर घर आ गए।
इसके बाद चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद यूसुफ ने वीडियो जारी करते हुए कहा- ह्ल मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। यहां के लोधेपुर पाकबाड़े के पास स्थित जामिया असानुल गर्ल कॉलेज के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्कूल वालों ने बेटी के मेडिकल की शर्त रखी। और तो और टीसी देने के नाम पर 500 रुपए भी ले लिए।
यूसुफ का कहना है कि मैंने अपनी बेटी का 2024 में इसी स्कूल में दाखिला कराया था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने अब दोबारा एडमिशन देने से मना कर दिया है। मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि मेरी पत्नी कुछ समय के लिए अपनी बीमार मां से मिलने इलाहाबाद गई थीं। इस बीच घरेलू दिक्कतों के चलते मैंने कुछ दिन के लिए अपनी बेटी को चंडीगढ़ बुला लिया था। बाद में जब पत्नी बेटी को वापस स्कूल लेकर गईं, तो मदरसा प्रबंधन ने कहा कि उन्हें किसी फोन कॉल से सूचना मिली है कि पिता अपनी बेटी के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं। इसी आधार पर स्कूल आपकी बेटी को दोबारा एडमिशन नहीं दे सकता। पहले आप बच्ची का मेडिकल टेस्ट करवा के लाइए।
यूसुफ का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह झूठा और अपमानजनक है। ये कैसी सोच है कि पिता अगर बेटी को स्कूल ले जाए या लाए, तो उसे मेडिकल रिपोर्ट दिखानी पड़े? ऐसा कोई नियम या कानून नहीं है।
टीसी देने के नाम पर 500 रुपए वसूले
यूसुफ ने कहा कि जब मेरी पत्नी ने मदरसा प्रशासन से कहा कि अगर बेटी का एडमिशन नहीं लिया जा रहा, तो ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) दे दी जाए। तो इस पर स्कूल ने 500रुपये लेकर टीसी फॉर्म भरवाया। फॉर्म में लिखा था कि बेटी का मेडिकल कराना जरूरी है। जैसी टिप्पणी लिखवाई गई। हमारे पास टीसी का फॉर्म और भुगतान की दोनों स्लिप सबूत के तौर पर हैं। यूसुफ ने बताया कि 21 अगस्त को पत्नी हलीमा स्कूल गई थीं, तबसे लेकर अब तक रोजाना फोन करने के बावजूद स्कूल की ओर से टीसी नहीं दी जा रही। कभी कहते हैं कल मिलेगा, कभी परसों। इतने दिनों से परेशान कर रखा है कि अब बच्ची किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं ले पा रही, क्योंकि बिना टीसी एडमिशन संभव नहीं है।
मैंने इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दी है। स्कूल की प्रिंसिपल और मौलाना इस पूरे मामले के लिए जिम्मेदार हैं। मेरी बेटी सात दिन ही स्कूल गई थी, लेकिन जनवरी से अगस्त तक की पूरी फीस स्कूल ने ले रखी है। अब ना एडमिशन दे रहे हैं, ना टीसी। साथ ही इतना बड़ा झूठा इल्जाम लगाकर मेरी बच्ची की पढ़ाई भी रोक दी। हमें भी मेंटली टॉर्चर कर रहे हैं।
कार्रवाई की मांग
मोहम्मद यूसुफ ने सरकार, पुलिस और प्रशासन से इस मामले की जांच कराने और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके पास पूरे सबूत हैं। फीस स्लिप, टीसी फॉर्म और पेमेंट की रसीद आदि हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर वे पेश कर सकते हैं।
फिलहाल इस मामले में जामिया असानुल बनात गर्ल कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। छात्रा के परिजनों ने पुलिस से कहा कि मदरसा मैनेजमेंट ने उनका और उनकी बेटी का चरित्र हनन किया है।
एसपी सिटी रण विजय सिंह ने कहा कि पाकबड़ा थाना क्षेत्र में लोधीपुर में एक मदरसा है। चंडीगढ़ के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत दी है कि मदरसे में पढ़ने वाली उसकी बेटी के करैक्टर पर मदरसा प्रबंधन ने आपत्तिजनक कमेंट किए। इसके बाद जबरदस्ती टीसी देकर मदरसे से निकालकर बाहर कर दिया है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुरूप मामले में कार्रवाई की जाएगी।

