नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैश फॉर क्वेरी मामले में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस सबंध में लोकसभा से प्रस्ताव पास हुआ। इस कार्रवाई का विरोध कर रहे सांसदों ने सदन में हंगामा किया। महुआ मोइत्रा के समर्थन में तमाम विपक्षी सांसद संसद भवन के बाहर आए। इसमें सोनिया गांधी भी शामिल थीं।
इससे पहले लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर आधे घंटे से अधिक चर्चा हुई। इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने मोइत्रा को बोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मोइत्रा कमेटी के सामने अपनी बात रख चुकी हैं।
महुआ मोइत्रा क्या बोलीं?
संसद सदस्यता रद्द होने पर मोइत्रा ने कहा कि मैंने अडानी का मुद्दा उठाया था जिस वजह से मुझे संसद की सदस्यता से बर्खास्त किया गया है। एथिक्स कमिटी के सामने मेरे खिलाफ कोई भी मुद्दा नहीं था, कोई सबूत नहीं थे। बस उनके पास केवल एक ही मुद्दा था की मैंने अडाणी का मुद्दा उठाया था।
कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति की रिपोर्ट पर शुक्रवार को लोकसभा में ‘आनन-फानन’ में चर्चा कराये जाने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि यह ‘प्राकृतिक न्याय’ के सिद्धांत का उल्लंघन है। यदि सदस्यों को रिपोर्ट पढ़ने के लिए तीन-चार दिन दे दिए गए होते तो ‘आसमान नहीं टूट पड़ता’।