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Wednesday, December 24, 2025
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इंटरपोल का ड्रग्स के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन: भारत समेत 18 देशों में मारे छापे, 76 टन ड्रग्स बरामद

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एजेंसी, नई दिल्ली। इंटरपोल का ‘Lionfish-Mayag III’ 30 जून से 13 जुलाई तक चला। एजेंसी ने बताया कि यह एशिया और उत्तरी अमेरिका के 18 देशों में सिंथेटिक ड्रग्स के निर्माण, तस्करी और तस्करी से निपटने पर केंद्रित था। इंटरपोल ने ड्रग्स के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन ‘लायनफिश-मेयाग III’ छेड़ा है। सिर्फ 2 हफ्तों में भारत समेत 18 देशों में ये ऑपरेशन चलाया गया है। इसके तहत 76 टन ड्रग्स बरामद किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार कीमत 6.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है। इसमें रिकॉर्ड 297 मिलियन नशे की गोलियां जब्त की गई हैं।

ऑपरेशन में शामिल एजेंसियों ने फेंटानिल, हेरोइन, कोकीन और प्रीकर्सर का बड़ा जखीरा बरामद किया है। इस बड़े अभियान में 386 गिरफ्तारियां हुई हैं और डार्कनेट पर इस अवैध कारोबार पर भी कार्रवाई हुई है।

खबरों के मुताबिक, ड्रग्स को सर्फबोर्ड, टी बॉक्स, कैट फूड और कॉफी मशीन में छिपाया गया था। बरामद फेंटानिल इतनी मात्रा में था कि 15.1 करोड़ लोगों की जान ले सकता था। इंटरपोल का कहना है कि यह अब तक की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय ड्रग-रोधी कार्रवाई में से एक है।

इंटरपोल ने क्या जानकारी दी

इंटरपोल ने अपने वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया है कि ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान में 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की सिंथेटिक ड्रग्स की बड़े पैमाने पर जब्ती हुई है। अधिकारियों ने कुल 76 टन ड्रग्स को पकड़ा है, जिसमें 51 टन मेथामफेटामाइन भी शामिल है. इसमें रिकॉर्ड 297 मिलियन मेथ की गोलियां मिली हैं, जिन्हें ‘याबा’ के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा फेंटेनल, हेरोइन, कोकीन और दूसरे केमिकल ड्रग्स भी बरामद हुए हैं।

इंटरपोल का ऑपरेशन लायनफिश-मायाग III 30 जून से 13 जुलाई तक चला। एजेंसी ने बताया कि यह एशिया और उत्तरी अमेरिका के 18 देशों में सिंथेटिक ड्रग्स के निर्माण, तस्करी और तस्करी से निपटने पर केंद्रित था। कोलंबो, श्रीलंका में स्थित ऑपरेशनल कोऑर्डिनेशन यूनिट ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर वास्तविक समय में एक साथ काम करने के लिए विशेष अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को एक साथ लाया।

दो सप्ताह के इस ऑपरेशन के दौरान कुल 386 गिरफ्तारियां की गईं, जिसमें इंचियोन नेशनल एयरपोर्ट पर एक ऐसे अपराधी की गिरफ्तारी भी शामिल है जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी हो रखा था। उसपर मेथामफेटामाइन तस्करी का आरोप है। भारत में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने “केटामेलन” नाम के एक बड़े डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट को नष्ट कर दिया. ऑपरेशन के परिणामस्वरूप एलएसडी ब्लॉट और केटामाइन के साथ-साथ लगभग 87,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की डिजिटल संपत्ति जब्त की गई। जांच से पता चला कि विक्रेता पिछले 14 महीनों में 600 से अधिक ड्रग्स शिपमेंट के लिए जिम्मेदार था।

इंटरपोल क्या है

इंटरपोल यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन (अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन). यह एक अंतर-सरकारी संगठन हैं यानी इसमें दुनिया भर की सरकार एक साथ आती है ताकि अपराध पर काबू पाया जा सके। इंटरपोल के 196 सदस्य देश हैं, और यह दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए मिलकर काम करने में उन सभी की पुलिस की मदद करती है। ऐसा करने के लिए, इंटरपोल तमाम देशों के साथ अपराधों और अपराधियों पर डेटा शेयर करने और उन तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह कई प्रकार की तकनीकी और ऑपरेशनल सहायता भी देता है।

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