शारदा रिपोर्टर मेरठ। आयुष्मान भारत दिवस के अवसर पर मेरठ कॉलेज चिकित्सा समिति एवं विधि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की जागरूकता एवं प्रचार प्रसार हेतु एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए चिकित्सा समिति के संयोजक प्रोफेसर दयानन्द द्विवेदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जो कम आय वाले लोगों को 5 लाख तक की स्वास्थ्य सेवा देश के विभिन्न सूचीबद्ध सरकारी तथा निजी अस्पतालों में मुफ्त (कैशलेस) उपलब्ध कराती है। इसे भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 23 सितंबर 2018 को लांच किया।
इस बीमा योजना की मुख्य विशेषता यह है कि ये पूरे परिवार को लिंग, आयु के भेदभाव से रहित होकर विभिन्न बीमारियों का नैदानिक परीक्षण, परामर्श तथा उपचार की सुविधा उपलब्ध कराती है। इसमें पहले से मौजूद बीमारी को भी द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी के अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
इसके गोल्डन कार्ड द्वारा भारत के किसी कोने में सारी सुविधा प्राप्त की जा सकती है।
इस योजना का लाभ शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को प्राप्त होता है। इस श्रेणी में जो भूमिहीन, बेघर तथा जिनकी वार्षिक आय 2.4 लाख से कम है वह इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस कार्ड को बनाने हेतु वे व्यक्ति जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना, 2011 में है वह अपनी पात्रता की जांच कर सकते हैं। इसके साथ उन्होंने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की चर्चा की जिसका उद्देश्य देश में एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य की बुनियादी ढांचे को विकसित करना है। इस कार्ड के दुरुपयोग में नौ राज्यों के करीब 100 अस्पतालों पर 12.32 करोड़ जुड़वाने की बात सामने आई है।