अवैध खनन: रातभर हापुड़ रोड दौड़ते हैं मिट्टी भरे डंपर.
शारदा रिपोर्टर मेरठ। जिले में अवैध खनन का कारोबार बेखौफ जारी है। हापुड़ रोड पर खनन माफिया सरकारी आदेशों और कानूनों को खुली चुनौती दे रहे हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। रात के अंधेरे में जेसीबी और अन्य भारी मशीनों का उपयोग कर खनन किया जाता है। सुबह होते ही गांवों के पास धूल से लदे ट्रकों की लंबी कतारें अवैध गतिविधियों का स्पष्ट प्रमाण देती हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, खनन माफिया न केवल प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि सड़कों, खेतों और नदियों के पारिस्थितिक संतुलन को भी बिगाड़ रहे हैं। अवैध खनन के कारण कई स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है।
चिंताजनक बात यह है कि कुछ स्थानों पर इस अवैध कारोबार को कथित तौर पर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। इसके चलते खनन माफिया और भी बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं। हालांकि, इन शिकायतों पर या तो आधी-अधूरी कार्रवाई होती है या कुछ दिनों बाद अवैध खनन का यह खेल फिर से शुरू हो जाता है।
सेटिंग से नियमों में हो रहा खेल : खेत से मिट्टी खनन के नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। नियमानुसार खनन विभाग खेत मालिक के आवेदन पर एक मीटर तक खनन की परमिशन देता है। लेकिन इस परमिशन की आड़ में खेत मालिक और खनन माफिया तीन से पांच मीटर तक खनन कर रहे हैं। यही नहीं सरकारी काम के लिए मिट्टी खनन की स्वीकृति में निजी कॉलोनियों में भी खनन माफिया मिट्टी डाल रहे हैं।
हापुड़ रोड पर रात होते ही लगती है दौड़: हापुड़ रोड पर इस समय खनन माफिया सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। यहां पर पूरी रात 15 से ज्यादा डंपर मिट्टी भरकर दौड़ते हुए नजर आ जाएंगे। ये डंपर हापुड़ रोड क्षेत्र के गांवों से मिट्टी खनन करके लाते हैं। अहम बात ये है कि रात में पुलिस भी गश्त करती है और अधिकारी भी यहां से गुजरते हैं। लेकिन किसी की नजर इस अवैध खनन की तरफ नहीं जाती है। शारदा एक्सप्रेस टीम ने बुधवार रात जब कुछ देर के लिए इस मिट्टी भरे डंपरों का जायजा लिया तो सामने आया कि डंपर नंबर यूपी15 जीटी 1370, यूपी 15 एचटी 4010, यूपी 15 डीटी 3744, पीबी 65 एजेड 561, यूपी 17 एटी 6618 और यूपी 15 डीटी 5744 मिट्टी भरकर हापुड़ की तरफ से बिजली बंबा बाईपास की तरफ जा रहे थे।
तहसील प्रशासन भी साधे है चुप्पी
अवैध खनन रोकने का जिम्मा खनन विभाग के साथ ही तहसील प्रशासन और पुलिस का है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इन तीनों ही विभाग से सेटिंग के खेल में खनन माफिया धड़ल्ले से रात गहराते ही धरती का सीना चीरना शुरू कर देते हैं। इसके बाद तेज गति से डंपर मिट्टी ढुलाई के काम में लग जाते हैं। यह काम पूरी रात से सुबह पांच बजे तक निर्बाध रूप से चलता है।

