Home Meerut मानवता हुई शर्मसार: 13 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता ने खुले में दिया मृत...

मानवता हुई शर्मसार: 13 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता ने खुले में दिया मृत बच्चे को जन्म, डीएम ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

0

सीएचसी सरधना में दर्द से कराहती रही किशोरी, लेकिन अफसरों का दिल नहीं पसीजा


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां दुष्कर्म पीड़िता(13) सीएचसी में दर्द से कराहती रही लेकिन अफसरों का दिल नहीं पसीजा। इस दौरान पीड़िता ने खुले परिसर में ही मृत बच्चे को जन्म दिया। मामले में आज पीड़िता के बयान दर्ज होंगे।

मात्र 13 वर्ष की उम्र जिसमें सही और गलत का कोई ज्ञान नहीं होता है। ऐसी उम्र में एक बच्ची को पहले जहां वहशी दरिंदे की हैवानियत झेलनी पड़ी। इसका दर्द अभी वह भूल भी नहीं पाई थी कि शुक्रवार शाम को उसे खराब सिस्टम ने दूसरा दर्द दे दिया। खून से लथपथ दुष्कर्म पीड़ित बिटिया दोहरे दर्द से गुजरी। एक दर्द तो उसने बार-बार दुष्कर्म में झेला और उसके बाद दूसरा दर्द सरधना सीएचसी परिसर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की संवेदनहीनता का झेला। वह तड़पती रही, सिसकती रही मगर किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का दिल नहीं पसीजा। यह हालात इतना बयां करने के लिए काफी हैं कि स्वास्थ्य विभाग और इसके कर्मचारी कितने संवेदनशील हैं।

वैसे तो सीएचसी की इमरजेंसी में 24 घंटे सेवाओं के दावे किए जाते हैं, लेकिन शुक्रवार को गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता(13) सीएचसी पहुंची तो तमाम सुविधाओं के दावे बौने साबित हो गए। सुबह पांच बजे किशोरी वहां पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग में रात की शिफ्ट में तैनात चिकित्सक और कुछ कर्मचारी नदारद थे। वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों में इतनी भी मानवता नजर नहीं आई कि बाहर आकर तड़प रही पीड़िता को देख भी लें। ऐसी हालत में परिजन खुद को लज्जित महसूस करते रहे। जानकारी मिलने पर इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने हस्तक्षेप किया और अस्पताल में सो रहे कर्मचारियों की लापरवाही का विरोध किया।

इमरजेंसी में लगती है ड्यूटी: आपात चिकित्सा के लिए सामुदायिक अस्पताल की इमरजेंसी में मेडिकल आॅफिसर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स की तरह की महिला चिकित्सक की भी ड्यूटी लगाने का निर्देश हैं।

दुष्कर्म पीड़िता के मेडिकल परीक्षण के मामले में घंटों तक किसी महिला चिकित्सक का न पहुंचना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है। सीएचसी प्रभारी डॉ. संदीप कुमार गौतम ने बताया कि इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक से लिखित में जवाब लिया जाएगा। इसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। मामले की जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

आज होंगे पीड़िता के बयान दर्ज: एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि किशोरी के परिजनों की तहरीर पर आरोपी सुभाष के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपी को पकड़ लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। नवजात का डीएनए ले लिया गया है। आरोपी सुभाष का शनिवार को डीएनए लेकर मिलान कराया जाएगा। किशोरी की हालत अभी बयान देने लायक नहीं है। आज शाम तक उसके बयान दर्ज किए जाएंगे।

सीएमओ बोले, लेबर रूम में हुई डिलीवरी

सीएमओ अखिलेश मोहन का कहना है कि प्रथमदृष्टया किसी लापरवाही की बात सामने नहीं आई है। डिलीवरी सीएचसी के लेबर रूम में ही हुई है। प्रीमेच्योर बच्चा हुआ है, जिसे पोस्टमार्टम को भेजा गया है। एसएसपी से बात हुई है। बच्चे का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा।

परिवार वालों ने लापरवाही का आरोप लगाया है तो उसकी जांच कराई जाएगी। अगर किसी लापरवाही का पता चलता है तो कार्रवाई की जाएगी। लड़की ठीक है, महिला जिला अस्पताल में भर्ती है। उसका उपचार चल रहा है।

डीएम ने मांगी रिपोर्ट

सीएचसी पर दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को भर्ती नहीं करने के मामले में डीएम दीपक मीणा ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांग ली है। सीएचसी में लगे सीसीटीवी की फुटेज भी मांगी गई है। इस प्रकरण में डीएम द्वारा सीएचसी में मौजूद कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

जांच समिति गठित, 48 घंटे में मांगी रिपोर्ट

सरधना सीएचसी में दुष्कर्म पीड़िता के साथ प्रसव के लिए पहुंचने पर हुई लापरवाही की घटना में डीएम दीपक मीणा ने जांच बैठा दी है। डीएम ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। इसमें एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, अपर नगर मजिस्ट्रेट रश्मि बरनवाल और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण गौतम शामिल किए गए हैं। समिति को घटना के संबंध में गहनता के साथ जांच कर रिपोर्ट 48 घंटे में देने के आदेश दिए गए हैं।

थाना प्रभारी पहुंचे तो बेंच पर हो चुकी थी डिलीवरी

सीएमओ अखिलेश मोहन ने बयान दिया है कि किशोरी की डिलीवरी सीएचसी के लेबर रूम में हुई है। वहीं, सरधना थाना प्रभारी प्रताप सिंह जब सीएचसी पहुंचे तो किशोरी कपड़े में लिपटी हुई बेंच पर पड़ी हुई थी। नवजात भी कपड़े में लिपटा था। बेंच पर ही डिलीवरी हो चुकी थी। थाना प्रभारी ने इसके बाद ही स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाकर कहा था कि सुप्रीमकोर्ट के भी आदेश हैं कि पहले पीड़ित को इलाज मिलना चाहिए। ऐसे में सीएमओ के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here