– शहरवासियों के लिए स्वकर निर्धारिण प्रणाली को समझने में हो रही भारी परेशानी।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। एक तरफ जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना शहरवासियों के लिए किसी मील के पत्थर जैसा साबित हो रहा है, तो दूसरी ओर हाउस टैक्स जमा करने के दौरान आने वाली समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। शहरवासियों का आरोप है कि, नगर निगम ने उनके आवास पर प्रतिष्ठानों पर ऊल-जलूल टैक्स लगा दिया है। जिसके चलते हालत यह है कि, निस्तारण के बजाए स्वकर निस्तारण पत्र थमाया जा रहा है।

आम लोग परेशान हैं कि, यह पत्र कैसे भरे, इसमें जल कर, सीवर कर भी शामिल है। ऐसे में स्वकर निर्धारण प्रक्रिया मुसीबत बनती जा रही है। हालांकि, नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एसके गौतम की मानें तो अगर किसी को टैक्स संबंधित कोई समस्या आ रही है, तो आपत्ति दर्ज कराने का मौका सबको दिया जा रहा है। यदि स्वकर प्रपत्र नहीं भर पा रहे तो बिल के साथ आएं और आपत्ति दर्ज कराएं। निगम की टीम सभी जोनल कार्यालयों में स्वकर प्रपत्र भरवाने के लिए मौजूद है।
बांटे जा रहे बढ़े हुए बिल: अब बाकि हाउस टैक्स की वसूली के लिए नगर निगम द्वारा आनन-फानन में हाउस टैक्स के बढ़े हुए बिल बांटे जा रहे हैं। इस भारी-भरकम बिल देख भवन स्वामियों के होश उड़े हैं। वे बिल लेकर निगम कार्यालय पहुंच रहे हैं, तो उनको स्वकर प्रपत्र थमा दिया जाता है। लेकिन जानकारी के अभाव में वे इस प्रपत्र को नहीं भर पा रहे हैं। पुराने और नए करों के बीच काफी अंतर है। संशोधन कराने पहुंच रहे भवन स्वामियों को कर निर्धारण अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक एक ही जवाब दे रहे हैं कि हाउसटैक्स के बिलों में बढ़ोत्तरी ज्योग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) सर्वे के आधार पर हुई है। बढ़े बिलों का समाधान न होने से भवन स्वामी हाउस टैक्स भी नहीं जमा कर पा रहे।
एक नजर इस पर
2.57 लाख के करीब है पुरानी संपत्तियों की संख्या
04 लाख संपत्तियां चिन्हित हुईं हैं जीआइएस सर्वे के अनुसार
1.65 लाख पुरानी संपत्तियों को जारी हुए बिल
40 हजार संपत्तियों का जमा है अभी तक हाउस टैक्स
60 करोड़ था 30 नवंबर तक का टारगेट
33 करोड़ रुपए हाउस टैक्स एकत्र हुआ है नवंबर तक
25 हजार भवन स्वामियों को हाउसटैक्स के बिल बांटे वित्तीय वर्ष 2025-26 में
110 करोड़ के सापेक्ष 33 करोड़ रुपए ही हाउस टैक्स वसूला पाया
09 करोड़ रुपये गृहकर आरएएफ वेदव्यासपुरी ने जमा किया है
17 राजस्व निरीक्षक समेत मुंशी को ई-पाश मशीन दी गई थी।

