मुंबई: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस समय अधिक विविधतापूर्ण, बहुध्रुवीय दुनिया की तरफ रुझान बना हुआ है लेकिन पुरानी, औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं का दौर खत्म नहीं हुआ है और अभी भी ये निवेश का प्रमुख लक्ष्य बनी हुई हैं। जयशंकर ने आदित्य बिड़ला समूह की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना के रजत जयंती समारोह में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में वापसी के बाद तमाम देश अमेरिका को लेकर थोड़े घबराए हुए हैं, लेकिन भारत उनमें से एक नहीं है।
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों और ट्रंप की जीत पर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: उन पहले तीन लोगों में थे, जिनसे नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने बात की। उन्होंने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी ने कई राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल बनाया है। उन्होंने कहा आज बहुत सारे देश अमेरिका को लेकर घबराए हुए हैं,लेकिन हम उनमें से नहीं हैं।
उन्होंने वैश्विक शक्ति की गतिशीलता के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हां, बदलाव हुआ है। हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं, अगर आप हमारे आर्थिक वजन को देखते हैं तो आप हमारी आर्थिक रैंकिंग को देखते हैं। आप भारतीय कॉरपोरेट जगत, उनकी पहुंच, उनकी मौजूदगी, भारतीय पेशेवरों को देखते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुनसंर्तुलन हुआ है।