हरियाणा पीडब्ल्यूडी ने तैयार किया एस्टीमेट, 50 प्रतिशत लागत नोएडा प्राधिकरण देगा
नोएडा। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेस-वे के लिए यमुना पर बनने वाले पुल की परियोजना का प्रारूप तैयार हो गया है। करीब 250 करोड़ रुपये की लागत के आकलन के साथ डीपीआर बनी है। पुल का निर्माण हरियाणा पीडब्ल्यूडी करवाएगा। निर्माण लागत का 50 प्रतिशत नोएडा प्राधिकरण देगा।
प्राधिकरण ने एस्टीमेट का परीक्षण आईआईटी से करवाने के लिए कहा है। इसके बाद टेंडर जारी होगा। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र में आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय ने परियोजना की रिपोर्ट नोएडा प्राधिकरण से मंगवाई है। आगे केंद्र में होने वाली अहम बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद की कनेक्टिविटी और ट्रैफिक जाम की मौजूदा समस्या के साथ रखा जाना है।
एक्सप्रेस-वे बन जाने से गाजियाबाद से फरीदाबाद के बीच नोएडा होते हुए सफर 25-30 मिनट का हो जाएगा। ग्रेनो वेस्ट और फरीदाबाद की भी कोई खास दूरी नहीं बचेगी।
यमुना पर पुल सेक्टर-168 मंगरौली के सामने बनाया जाएगा। मूल परियोजना में पुल के बाद हरियाणा में करीब 54 किलोमीटर की सड़क बनाई जानी थी। अब पीडब्ल्यूडी ने नोएडा प्राधिकरण के साथ हुई बैठक में जानकारी दी है कि सड़क बनाकर सेक्टर-88 की मौजूदा सड़क से ही मिला दिया जाएगा। फिर यहां से आगे की कनेक्टिविटी के लिए चौड़ी सड़कें बनी हुई हैं।
वहीं, दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण ने पुल से लेकर नेशनल हाईवे-24 तक की रिपोर्ट तैयार करवाई है। इस बीच करीब 23 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनना है।
रिपोर्ट में मौके पर हो चुके काम और जो काम नहीं हो पाए हैं उनको वर्क सर्कल क्षेत्र के हिसाब से रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
गाजियाबाद की तरफ से चलने पर छिजारसी के सामने 650 मीटर का एलिवेटेड रोड बनाया जाना है। फिर 3.68 किमी के बाद बाएं तरफ सर्विस रोड, दायें तरफ की मुख्य सड़क व सर्विस रोड का काम कुछ मीटर के दायरे में अधूरा है। आगे बढ़ने पर 14.610 किमी एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है। अब यहां पर एलिवेटेड के बजाय सड़क बनाने के विकल्प पर भी विचार प्राधिकरण कर रहा है। डूब क्षेत्र के कारण यहां सिंचाई विभाग से मंजूरी अथॉरिटी को लेनी होगी। ये हिस्सा प्राधिकरण के वर्क सर्कल-7 में आएगा। आगे बढ़ने पर 17.335 किमी पर शाहदरा और सेक्टर-143 के सामने 200 मीटर मुख्य सड़क और एक तरफ की सर्विस लेन का काम अधूरा है।
इससे आगे बढ़ने पर 17.595 किलोमीटर पर नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस-वे है। यहां पर अंडरपास बनाया जाना है। यहां प्राधिकरण झट्टा अंडरपास बनाने जा रहा है। आगे छपरौली और मंगरौली के सामने तक काम हुआ है। यहां तक कुल दूरी करीब 18 किलोमीटर है। फिर आगे करीब 5 किलोमीटर पर यमुना नदी है।
एनएचएआई कर चुका है इन्कार, अब केंद्र से फंड की उम्मीद
केंद्र की तरफ से परियोजना की जानकारी लिए जाने और बैठक में रखे जाने की सूचना नोएडा प्राधिकरण को दी गई है। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद की सीधी कनेक्टिविटी को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने भी जरूरी माना है। 2015 के बाद से इस प्रॉजेक्ट को एनएचएआई को सौंपने का इंतजार हो रहा है। लेकिन एनएचएआई ने परियोजना को नहीं लिया। इस तरह से अब इसको नेशनल हाईवे का दर्जा मिलना और एनएचएआई को सौंपे जाने की उम्मीद भी बाकी है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि केंद्र स्तर पर परियोजना को लेकर फंड नोएडा व हरियाणा दोनों को पीएम गतिशक्ति योजना से फंड दिए जाने पर मंथन चल रहा है। इसको लेकर एक बैठक शनिवार को हो चुकी है।