शारदा रिपोर्टर मेरठ। भाजपा नेता के चिकित्सक बेटे पर चार दिन पहले हुए जानलेवा हमले के मामले में सदर थाना पुलिस ने खेल कर दिया। एक तरफ जहां धाराएं कमजोर लगाई, तो दूसरी तरफ पकड़े गए दो आरोपियों को भी थाने से छोड़ दिया। इस मामले को लेकर सोमवार को पीड़ित भाजपा नेता ने एसपी सिटी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की।
योगीराज में पुलिस पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है। आम जनता की तो बात ही क्या? भाजपा नेता भी पुलिस के मनमाने रवैये से पीड़ित हैं। ऐसा ही मामला छावनी क्षेत्र स्थित भाजपा ने अमन गुप्ता के साथ हुआ। जिसकी शिकायत करने वह सोमवार को एसपी आॅफिस पहुंचे।
अमन गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा डा. वेदांत कंसल पांच जुलाई को सुबह बाइक पर छावनी अस्पताल के पास स्थित अपने क्लीनिक पर जा रहा था। तभी एक कार वाले ने अचानक त्यागी शीशे वाले के गैराज में अपनी कार मोड़ दी। जिस पर मोटर साइकिल कार से टकरा गयी। इस पर कार चालक व डा. वेदान्त की कहा सुनी हो गयी। इतने में रणविजय त्यागी व मुजम्मिल चार पांच लड़कों के साथ आये और डा वेदान्त से मारपीट, गाली गलोच करते हुए धारदार हथियार से वार किया। जिसमें वेदांत को सिर में गहरी चोट लगी। उसके चेहरे, कान पेट में भी वार किया गया। वह लहु लुहान हो गया।
इसकी रिपोर्ट उन्होंने उसी दिन सदर थाना में दर्ज कराई। प्यारे लाल अस्पताल में डाक्टरी करायी, मेरे पुत्र का खून यहना बंद नहीं हो रहा था। इसके बाद निजी चिकित्सक को देखाया, जहां पर पता चला कि सिर में गहरी चोट है।
अमन गुप्ता ने आरोप लगाया कि काफी दबाव देने के बाद सदर थाना प्रभारी दो आरोपियों को हिरासत में लिया, लेकिन उसी सांठगांठ करके छोड़ दिया। जबकि अभी तक मुख्य आरोपी रणविजय त्यागी व अन्य को नहीं उठाया गया। यह एक जानलेवा हमला है। भारतीय न्याय संहिता, 2023 में धारा 109-बीएनएस हत्या का प्रयास धारा नहीं लगाई।
अमन गुप्ता ने कहा कि रणविजय त्यागी दबंग किस्म का व्यक्ति है। जिससे उसका बेटा और परिवार डरा हुआ है। इसलिए इस मामले में शीघ्र
कार्रवाई की जाए।