– मेरठ में पहले भी बॉयलर फटने की हो चुकी हैं घटनाएं
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। शहर और आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में फैक्टरी संचालित हैं। इनमें अधिकांश ऐसी हैं,जिनमें बॉयलर का उपयोग होता है। लेकिन ऐसी फैक्टरियों की न तो कभी नियमित जांच होती है और न ही इन पर कोई कार्रवाई होती है। जिसके चलते मानकों के विपरीत चलने वाली इन फैक्टरियों से हादसे होते रहते हैं और लोग मरते रहते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन घटना के बाद जागता है और जांच के नाम पर समिति गठित कर फिर सो जाता है। अभी तक किसी हादसे की जांच न सामने आई और न ही किसी पर कोई कार्रवाई सामने आयी।
पिछले साल ही फरवरी में दौराला थाना क्षेत्र में पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह के कोल्डस्टोर में बॉयलर फटने से सात लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पहले टीपीनगर थाना क्षेत्र की जगन्नाथपुरी में वर्ष 2019 में बॉयलर फटने से दो मौत हुई थी, लेकिन यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये तो सिर्फ उदाहरण हैं, इससे पूर्व भी कई घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं।
पहले से सजग नहीं है सिस्टम
फिटकरी की जिस फैक्टरी में मंगलवार को हादसा हुआ, वह भी मानकों के विपरीत संचालित थी। ग्रामीणों की मानें तो इस फैक्टरी में टायर गलाए जाते थे, जिससे भारी प्रदूषण इस क्षेत्र में होता था। उन्होंने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फैक्टरी मालिकों के ऊंचे रसूख के सामने ग्रामीणों की गुहार हर बार दब गई।
वहीं कर्मचारियों का कहना है कि फैक्टरी में सुरक्षा मानकों का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। बॉयलर भी काफी पुराना हो चुका था, जिसे मरम्मत कर काम चलाते हुए मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। यदि समय रहते इस बॉयलर को बदलकर अच्छी क्वालिटी का बॉयलर फैक्टरी मालिक लगा लेते तो शायद यह हादसा न होता और दो युवकों की जान बच जाती।
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