बुधवार रात पूरे गांव की काट दी थी बिजली, ग्रामीणों की शिकायत पर राज्यमंत्री का एक्शन
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर कर्मचारी ने पूरे गांव की बिजली काट दी। गांव वालों ने इसकी शिकायत ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर से की। जांच में दोषी मिलने पर गुरुवार को बिजली कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। कर्मचारी रियाजुद्दीन ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में 30 अप्रैल को 15 मिनट के लिए अजराड़ा गांव की बिजली काटी थी।
दरअसल आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में लाइट बंद करो अभियान के तहत प्रदर्शन करने की अपील की थी। मुस्लिम लोगों को रात 9 बजे से 9:15 बजे तक घर-दुकान और आफिस में लाइट आफ कर विरोध जताना था। मगर रियाजुद्दीन ने पूरे गांव की लाइट बंद कर दी।
गुरूवार को ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से शिकायत की। ऊर्जा मंत्री ने मेरठ क्षेत्र के बिजली अधिकारियों को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। शुक्रवार सुबह कल्लू पंडित के नेतृत्व में ग्रामीण बिजली घर पहुंचे और शिकायत की।
एसडीओ हापुड़ हिमांशु सचान ने बताया कि रियाजुद्दीन संविदा कर्मचारी है, जो फीडर पर तैनात था। प्राथमिक जांच में पाया गया कि संविदाकर्मी रियाजुद्दीन ने जानबूझकर गांव की बिजली सप्लाई बंद की थी। इसके आधार पर बिजली विभाग ने उसे तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया।
बिजली कटौती के बाद जब कुछ ग्रामीणों ने अपने घरों पर इनवर्टर चालू कर दिए। इस पर मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लोग आमने-सामने आ गए। तनाव की स्थिति बन गई। इसी बीच लाइट आ गई। ग्रामीणों ने जब लाइट कटने के बारे में जानकारी की तो पता चला कि यह लाइट जानबूझकर काटी गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री से शिकायत की।