एजेंसी, लखनऊ। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पर प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कस दिया है। उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। ईडी की टीम ने आज एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है। ये पूरी छापेमारी करोड़ों के बैंक लोन घोटाले के मामले की गई है।
विनय शंकर तिवारी पर बैंक आॅफ इंडिया समेत कई बैंकों से लोन लेकर की गई कथित हेराफेरी का आरोप है। इस मामले में सीबीआई पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है। अब इस मामले में ईडी ने दबिश दी है। ऐसा कहा जा रहा है कि लोन की रकम को दूसरी जगह डायवर्ट कर निवेश किया गया था। ईडी ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के आॅफिसों समेत लखनऊ, गोरखपुर, गुरूग्राम और मुंबई के ठिकानों पर छापा मारा है। ईडी ने आज सुबह एक साथ 10 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा है। करीब 700 करोड़ के बैंक घोटाला से जुड़ा हुआ ये मामला है।
धोखाधड़ी का ये मामला 2012 से 2016 के बीच का है। इससे पहले ईडी ने साल 2024 के फरवरी में भी छापा मारा था। 2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिसकी कीमत करीब 72 करोड़ रुपए थी। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था।
पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं विधायक विनय शंकर तिवारी, जो चिल्लूपार विधानसभा सीट से बीएसपी विधायक रह चुके हैं। साल 2021 में उन्होंने बीएसपी का दामन छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था, जिस सीट से विनय विधायक चुने गए थे, उसी सीट से उनके पिता हरिशंकर भी 6 बार विधायक चुनकर आए थे।