– ई-रिक्शा संचालकों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उत्पीड़न नहीं सहेंगे
शारदा रिपोर्टर, मेरठ– ट्रैफिक पुलिस विभाग द्वारा ई-रिक्शाओं के रुट बनाएं जाने और ट्रैफिक पुलिस द्वारा ई-रिक्शा चालकों पर सख्ती करने के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के सैकड़ों चालक हड़ताल पर रहे। इस दौरान उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और डीएम कार्यालय पर एक ज्ञापन सौंपते हुए समस्या के समाधान की मांग की। वहीं दूसरी ओर ई-रिक्शा बंद होने से शहर के लोग परेशान रहे और रिक्शा और ऑटो रिक्शा चालकों ने जमकर वसूली की।
ज्ञापन सौंप रहे उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि, एक समय था कि, एक समय था कि जब इंसान ही इंसान को ढोने का काम किया करता था। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे बदलते दौर के साथ रिक्शा में भी परिवर्तन आया और रिक्शा अब ई रिक्शा बन गया। जो बहुत डिमांड में और लोग इन ई-रिक्शाओं को पसंद करने लगे और आराम दायक और सुहाना सफर करने लगे।
लेकिन अब जब ई रिक्शा चालक अपने परिवार का पालन-पोषण ई रिक्शा चलाकर कर रहे हैं तो ना तो उनके लिए स्टेंड बनाया गया और ना ही उनको कोई सुविधा दी गई। जबकि, ट्रैफिक पुलिस विभाग द्वारा ई-रिक्शाओं के रूट निर्धारित करने के बाद अब ई रिक्शा चालकों की आमदनी आधी से भी कम रह गई है। जबकि, ट्रैफिक विभाग के पुलिसकर्मी ई रिक्शा चालकों का जबरन शोषण कर रहे हैं। जिसके चलते ई रिक्शा चालक डिप्रेशन में चल रहे हैं और उनकी आय में भी काफी कमी आई है।
उन्होंने कहा कि, जब समय के साथ परिवर्तन जरूरी है तो फिर ई रिक्शा चालकों के साथ ट्रैफिक विभाग द्वारा उत्पीड़न क्यों किया जा रहा है। ज्ञापन सौंप रहे सदस्यों ने साफ कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं हुआ तो वह आगे भी अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बता दें कि, शहर में बढ़ते जाम को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस विभाग ने शहर में चलने वाले ई-रिक्शाओं का रुट निर्धारित किया था, ताकि जाम के झाम पर अंकुश लग सके। लेकिन अब ई रिक्शा चालकों की एसोसिएशन इस बात का विरोध कर रही है।
सड़के लगी सूनी, लोगों ने झेली परेशानी
वहीं दूसरी ओर ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल के चलते सड़कों पर जाम की समस्या जैसे अपने आप ही समाप्त होती हुई नजर आई। हर कोई सड़क बिल्कुल सूनी-सूनी नजर आ रही थी। लेकिन ई-रिक्शाओं के न चलने से जनता को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। क्योंकि जब से शहर में ई-रिक्शा आई हैं, तब से पैर रिक्शा के साथ ही आॅटो रिक्शा भी कम हो गए हैं। ऐसे में शुक्रवार को ई-रिक्शाओं का संचालन न होने से पैर रिक्शा और ऑटो रिक्शाओं में जहां भीड़ नजर आई, वहीं उन्होंने मनमानी वसूली भी की।