– उस बस्ती में मकान लिया, जहां कोई सीसीटीवी नहीं, रात में 5 गाड़ियों से आते थे लोग।
सहारनपुर। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉक्टर अदील ने सहारनपुर में मलिन बस्ती में मकान लिया था। जिसका किराया 9 हजार रुपए प्रति माह था। यह ऐसी जगह थी, जहां कोई सीसीटीवी नहीं था। देर रात उससे मिलने के लिए 5 गाड़ियों से लोग आते थे।
वह ऑनलाइन खाना मंगवाता था। डॉ. अदील से संपर्क रखने वाले करीब 15 लोग एजेंसियों के रडार पर हैं। सभी से पूछताछ की जा रही है। इनमें अदील से रोजाना मिलने आने वाले 8 लोग भी शामिल हैं। एनआईए, एटीएस, एसटीएफ, आईबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें सहारनपुर में लगातार डेरा डाले हुए हैं। फिलहाल आदिल के मानकमऊ स्थित किराए के मकान पर ताला लगा हुआ है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अदील मानकमऊ की बाबू विहार कॉलोनी में मस्जिद वाली गली में जाकिर के मकान में किराए पर रहता था। डा. बाबर ने यह मकान दिलाया था। इस मकान के दो दरवाजे थे। इससे पहले जो मकान किराए पर अदील ने लिया था, उसके भी 2 दरवाजे थे। ताकि एक दरवाजे से कोई घुसे तो दूसरे दरवाजे से आसानी से भागा जा सके।
जांच में सामने आया कि अदील के सहारनपुर को ठिकाना बनाने के पीछे भी एक मकसद था। दरअसल सहारनपुर पश्चिमी यूपी का सबसे संवेदनशील जिला है। यहां एयरफोर्स स्टेशन, एयरपोर्ट, रिमाउंट डिपो और दारुल उलूम जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। यही कारण है अदील ने सहारनपुर को चुना। यहां उसने अस्पताल में नौकरी की।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि अदील हमेशा कश्मीरी भाषा में बात करता था। डा. बाबर ने बताया कि 6 नवंबर को जब वह अरेस्ट हुआ। उससे पहले शायद उसे पता चल गया था कि उसकी करतूत के बारे में पुलिस को जानकारी हो गई है। उसने अस्पताल से मां के बीमार होने के नाम पर छुट्टी ली। उसने कहा- कि मेरी मां बीमार है, मुझे गांव जाना है।
दिल्ली विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने देवबंद में भी छानबीन तेज कर दी है। कारण, यहां भी कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं। पुलिस किरायेदारों और मदरसों में पढ़ने वाले युवाओं के रिकॉर्ड खंगाल रही है।



