– भारतीय सुदर्शन समाज महासंघ ने पत्रकार वार्ता में प्रतिमा स्थापित व नामकरण की रखी मांग।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहीद स्मारक राष्ट्रीय संग्राहलय उत्तर प्रदेश में प्रतिमा स्थापित हो और सैट्रल भैंसाली रेपिड मैट्रो स्टेशन का नाम 1857 के क्रान्तिकारी अमर शहीद मातादीन वाल्मीकि के नाम पर रखा जाए। इस बात की मांग को लेकर शनिवार को भारतीय सुदर्शन समाज महासंघ के सदस्यों ने प्रेसवार्ता की।
इस दौरान उन्होंने बताया कि, 1857 के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महानायक अमर शहीद हवलदार मातादीन वाल्मिकी के साथ 85 अमर शहीदों ने 1857 की कारवाईन्स की परेड हुई। जिसमें कर्नल कारमाइकेल स्मिथ ने गाय और सूअर की चर्बी से बने कारतूस को मुंह से खोलने के लिये कहा। तीसरी रेजीडेन्ट मेरठ परेड ग्राउन्ड में इन सैनिकों को लाकर कोर्ट मार्शल किया गया, जो भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ और यह निरंतर देश के अमर शहीदों और राज नेताओं द्वारा 90 वर्ष आजादी का आन्दोलन चला और भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त हुई। जबकि, 1956 में शहीद स्मारक राष्ट्रीय संग्राहलय दिल्ली रोड नजदीक भैंसाली मेरठ शहर की स्थापना हुई।
उन्होंने कहा कि, इस पर 1857 के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महानायक अमर शहीद हवलदार मातादीन वाल्मीकि जी की प्रतिमा न लगाकर अन्य सम्मानित क्रान्तिकारियों की प्रतिमा लगाई गयी है। इससे साबित होता है कि, ऊंच-नीच और भेदभाव होने के कारण 79 वर्ष के बाद भी भारत की किसी भी सरकार के द्वारा प्रतिमा नहीं लगाई गयी। लेकिन वर्ष 2014 से भाजपा की सरकार के नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति/जनजाति को बराबर की समानता देने का कार्य किया। ऐसे में हम चाहते हैं कि हवलदार मातादीन की प्रतिमा स्वाधीनता सेनानी संग्रहालय में स्थापित करने के साथ ही भैसाली बस अड्डा स्थित मेट्रो स्टेशन का नाम भी मातादीन के नाम रखा जाए।



