मेरठ। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज ने आज शहर में एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इसका उद्देश्य कैंसर का जल्दी पता लगाने की महत्वपूर्ण भूमिका और विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में तकनीक के रोल की जानकारी देना था।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेशक डॉक्टर मनोज तायल ने इस सत्र का आयोजन किया। डॉक्टर मनोज ने मेरठ के एक 59 वर्षीय मरीज की अविश्वसनीय ट्रीटमेंट यात्रा के बारे में बताया। इस मरीज ने फेफड़ों के कैंसर को मात दी। इस केस की चुनौतियों और इलाज के लिए अपनाए गए।
तरीकों के बारे में डॉक्टर मनोज ने बताया, मेरठ के एक 59 वर्षीय मरीज शिव आनंद को मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में भर्ती कराया गया था उनकी छाती के दाहिने हिस्से में दर्द था और भूख न लगने की शिकायत थी। ये समस्या उन्हें करीब तीन महीने से अधिक समय तक बनी रही और उनका रूटीन भी इससे काफी प्रभावित हुआ सीटी स्कैन समेत अन्य कई टेस्ट कराए गए जिसमें दाहिने फेफड़े में 9.4×9.6×11.4 सेंटीमीटर के ट्यूमर का पता चला और नीडल टेस्ट से कैंसर की पुष्टि हो गई, हमारी टीम ने तुरंत इस केस पर रिएक्ट किया और केस को मल्टी डिसीप्लिनरी ट्यूमर बोर्ड में डिस्कस किया गया।
मरीज को कीमोथेरेपी के साथ रेडिएशन की हाई डोज देने की जरूरत थी मरीज को ब्रीटिंग कंट्रोल्ड गेटिंग (DIBH) के साथ रेडियोथेरेपी दी गई। अच्छे रिजल्ट के लिए वर्चुअल सीटी स्केन की मदद से इमेज गाइडेंस में ये थेरेपी दी गई। मरीज को कीमोथेरेपी के साथ रेडिएशन की बहुत हाई डोज दी गई जिसके बहुत ही साइड इफेक्ट्स थे।फॉलो अप पीईटी-सीटी स्कैन कराया गया जिसमें पता चला कि दाहिने फेफड़े के कैंसर में आई है। इसके अलावा मरीज के लिए ओवरऑल रिजल्ट भी बेहतर आए।
शिव आनंद की कहानी दर्शाती है कि कैंसर का जल्दी पता लगाना और फिर इलाज में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल कितना जरूरी है।मैक्स अस्पताल पटपड़गंज हमेशा इनोवेशन और कंप्रेशन के साथ कैंसर के मरीजों को वर्ल्ड क्लास इलाज मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।