शारदा रिपोर्टर मेरठ। पश्चिम कचहरी मार्ग पर स्थित श्री महावीर जैन मंदिर में आज तीसरे दिन भी बच्चों को पूजा करना सिखाई गई। स्वीटी ने पूजा में संस्कृत के श्लोकों को पढ़ना भी सिखाया। किन श्लोकों में हम जिनेंद्र भगवान के जिनशासन के जयवंत रहने की भावना करते हैं और किन श्लोकों में हम तीर्थंकर भगवान व ऋद्धि धारी मुनिराजों से अपने कल्याण के लिए भावना करते हैं ये सब समझाया गया।
पूजा में हम जन्म जरा मृत्यु को नष्ट करने के लिए जल चढाते हैं। संसार में जन्म का दु:ख, बुढ़ापे का दु:ख व मृत्यु का दु:ख इन दु:खों को दूर करने की भावना के साथ जल चढ़ाया जाता है व संसार के दु:खों को दूर करके हम शांति से जीवन जी सकें। इसके लिए चंदन चढ़ाते हैं यह सब आज बच्चों ने सीखा। महावीर भगवान की पूजा करते समय महावीर भगवान को अपने ह्रदय में बिठाने को कहा गया।
भगवान को हमने भावों से अपने अंदर बिठाया है तो अब हमें पाप कार्य बिल्कुल भी नहीं करने गुस्सा नहीं करना । किसी से लड़ाई भी नहीं करनी ये सब पाप हमें नरक में ले जाते हैं। हमें नरक में नहीं जाना हमें तो भगवान बनना है। इसलिए हमें रोज पूजा करनी है। हमें शास्त्रों को पढ़कर ज्ञान भी पाना है। ध्यान करके आत्मकल्याण करके भविष्य में हमें भगवान बनना है। इस मौके पर तनिष्का, अनविका, नव्या, अंशिका, प्रेक्षा, परिधि आदित्य, रिहाना, दर्शिका, देवांश आदि बच्चे उपस्थित रहे।