Sunday, June 1, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutध्वस्तीकरण के खिलाफ कल रहेगा सेंट्रल मार्केट बंद

ध्वस्तीकरण के खिलाफ कल रहेगा सेंट्रल मार्केट बंद

– लामबंद हुए व्यापारी, अभी एक बिल्डिंग गिराने की तैयारी, बाद में पूरे मार्केट में होगी कार्रवाई।

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। सेंट्रल मार्केट गिराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ व्यापारी लामबंद हैं। रविवार को सेंट्रल मार्केट में व्यापारियों की बड़ी बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मित से बाजार बंद करने का फैसला लिया गया। तय हुआ कि मेरठ के सभी व्यापारिक संगठन मंगलवार यानि 20 मई को बाजार बंद करेंगे।

इस बंदी का पहला कारण आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना द्वारा लगातार व्यापारियों को ब्लैकमेल कर उत्पीड़न करने का है। इसके विरोध में 20 मई, मंगलवार को शास्त्री नगर और जागृति विहार के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्णत: बंद रहेंगे।

व्यापारियों ने मांग की है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इसी क्रम में सभी व्यापारियों से मंगलवार सुबह 10:30 बजे सेंट्रल मार्केट में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की गई है।

व्यापारियों ने इस बंदी का आव्हान लोकेश खुराना के खिलाफ किया है। लेकिन इसका दूसरा कारण आवास विकास द्वारा विवादित परिसर संख्या 661/6 के ध्वस्तीकरण के लिए अंतिम नोटिस जारी किया जाना भी है। सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने मेरठ के सभी सामाजिक और पेशेवर संगठनों से समर्थन की अपील की है।

संयुक्त व्यापार संघ, मेरठ बार एसोसिएशन, जिला बार एसोसिएशन, सफाई कर्मचारी यूनियन, कटअ, किसान मोर्चा, छात्र संघ संगठन, मेरठ बुलियन एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों से आग्रह किया गया है कि वे इस संकट की घड़ी में साथ खड़े हों।

व्यापारी संगठनों का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ व्यापारियों की नहीं बल्कि न्याय और सम्मान की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की आड़ में यदि कोई फळक का दुरुपयोग कर व्यापारियों को प्रताड़ित करता है, तो ऐसे मामलों का मिलकर विरोध करना आवश्यक है।

शुरूआत में सरकार पर दबाव बनाते तो बन जाती बात

सेंट्रल मार्केट का मामला नया नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना द्वारा मांगी गई जानकारी पर आवास एवं विकास परिषद ने वर्ष 2011 में ही पूरे सेंट्रल मार्केट को अवैध करार दिया था। लेकिन न तो आवास-विकास परिषद ने इस पर कोई कार्रवाई की और ना ही व्यापारियों ने इस पर ध्यान दिया। जिसके चलते एक तरफ जहां सेंट्रल मार्केट में निर्माण होते गए, वहीं लोकेश खुराना की कानून कार्रवाई बढ़ती गई। यदि व्यापारी भाजपा की सरकार आने के बाद नियमों में बदलाव का दबाव बनाते तो शायद बात बन सकती थी। लेकिन व्यापारियों ने तब कोई ध्यान नहीं दिया।

पहले भी ध्वस्तीकरण की हो चुकी थी तैयारी

लगभग दस साल पहले ही भी आवास-एवं विकास परिषद ने सेंट्रल मार्केट के विवादित भवन को तोड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। तब कई दिन तक हंगामा होता रहा और भाजपा नेताओं के दबाव में आवास-एंव विकास परिषद को जहां तैयारी टालनी पड़ी, वहीं व्यापारी इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट चले गए। जिसके चलते मामला लंबित हो गया। लेकिन लंबी सुनवाई के बाद व्यापारियों को हाईकोर्ट से ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा। अब व्यापारी हर तरफ से खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

ताजा खबर

Recent Comments