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Friday, November 14, 2025
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मेरठ सेंट्रल मार्केट प्रकरण: सरकार और जनप्रतिनिधि चाहते तो नहीं होता कांप्लैक्स ध्वस्त

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शारदा रिपोर्टर मेरठ। सोमवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के पदाधिकारीयों के द्वारा शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में हो रहे ध्वस्तीकरण के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पंडित आशु शर्मा ने कहा कि, शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों के प्रतिष्ठानो पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रहे ध्वस्तीकरण को अगर सरकार और मेरठ के समस्त जनप्रतिनिधि चाहते तो रोक सकते थे। परंतु कुछ सरकारी व्यापारिक संगठन और जनप्रतिनिधियों की नाकामी का नतीजा आज सेंट्रल मार्केट का व्यापारी भुगत रहा है।

उन्होंने कहा कि, अगर सरकार वहां भू परिवर्तन कर देती तो आज सेंट्रल मार्केट सुरक्षित होती। आवास विकास परिषद के दोषी अधिकारियों को अभी तक जेल क्यों नहीं भेजा गया। पहले उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। परंतु, पहले व्यापारियों की दुकानों को गिराना गलत है। जीन व्यापारियों के नोट और वोट दोनों से सरकार बनी है। जब उन्हीं व्यापारियों को आवश्यकता पड़ी तब सरकार और सरकार के नुमाइंदों के द्वारा आंखें मूंद ली गई। जिससे सरकार की व्यापारी विरोधी निति स्पष्ट होती है।

 

 

ध्वस्तीकरण से पहले बसाने की व्यवस्था होनी चाहिए थी। पंडित आशु शर्मा ने कहा कि, हमने मुख्यमंत्रीसे मांग की है कि शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट के विस्थापित व्यापारियों को आवास विकास परिषद के द्वारा व्यवसायिक भूखंड आवंटित होने चाहिए और उन्हें बनाने के लिए सरकार को मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए। ताकि, सेंट्रल मार्केट के व्यापारी समाज का भला हो सके।
उन्होंने कहा कि, अगर सरकार द्वारा जल्दी सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई तो व्यापार मंडल आंदोलन करने को भी विवश होगा।

 

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