शारदा रिपोर्टर मेरठ। अगर बहुत जरूरी काम हो तो ही बसों से यात्रा करने का निर्णय लें। क्योंकि जिले की सड़कों पर दौड़ने वाली प्राइवेट बस चुनाव ड्यूटी और राजनीतिक दलों की रैलियों में व्यस्त हो रही हैं। सडकों पर यात्री परेशान हैं। 26 अप्रैल तक यही स्थिति रहने वाली है। विवाह समारोह का सीजन भी चल रहा है।
लोकसभा चुनाव प्रचार चरम पर है। में भले ही बुधवार को पहले चरण का चुनाव ने प्रचार रुक गया हो, लेकिन दूसरे चरण में होने वाले मतदान के लिए 24 अप्रैल तक चुनाव प्रचार जारी रहेगा। सभी राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं की रैलियां हो रही हैं। इन रैलियों में भीड़ लाने के लिए प्राइवेट बस और अन्य वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आगामी 20 अप्रैल को जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव की चुनावी सभा है, वहीं 23 को बसपा सुप्रीमो मायावती चुनावी रैली करेंगी।
बृहस्पतिवार को मेरठ के सिसौली में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली है। सीएम की रैली के लिए मेरठ- बुलंदशहर मार्ग से आठ प्राइवेट बस ली गई हैं। जिसका असर आज सड़क पर दिखाई देगा।
152 वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
लोकसभा चुनाव ड्यूटी के लिए प्रशासन ने हलके व भारी प्राइवेट वाहनों का अधिग्रहण शुरू किया था। सभी वाहन स्वामियों को संभागीय परिवहन की तरफ से नोटिस भेजे गए। जिनमें से 152 वाहन स्वामियों ने अपने वाहन अभी तक भी प्रशासन को नहीं सौंपे हैं। ऐसे लापरवाह वाहन स्वामी के खिलाफ संभागीय परिवहन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस संबंध में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन अमिताभ चतुवेर्दी का कहना है कि लापरवाह वाहन स्वामियों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।