मेरठ। इस बार के लोकसभा चुनाव में शुरुआत में भले बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला दिख रहा था लेकिन बहुजन समाज पार्टी की जबरदस्त एंट्री ने अन्य दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है। बीएसपी दलित वोटरों के अलावा मुस्लिम वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही है। 23 अप्रैल को मायावती की होने वाली रैली इसमें तड़के का काम कर देगी।
बीएसपी के पूर्व विधायक याकूब कुरैशी ने एक वीडियो के जरिए सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा के पति योगेश वर्मा पर आरोप लगाए हैं और मुस्लिमों को बीएसपी के पक्ष में करने की योजना बनाई है उसने सपा की परेशानियां बढ़ा दी है। बीएसपी प्रत्याशी देवव्रत त्यागी मुस्लिम, त्यागी और दलित फैक्टर के साथ चुनावी मैदान में है। वहीं योगेश वर्मा के पुराने रिकॉर्ड भी उसके पक्ष में नहीं है। योगेश वर्मा जब भी बीएसपी के टिकट पर चुनाव लडे उनको विजयश्री मिली।
बात चाहे मेयर की हो या हस्तिनापुर से विधायकी की जीत हो लेकिन सपा और पीस पार्टी की तरफ से चुनाव लडने पर हार नसीब हुई थी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती के कोर दलित वोट पर सपा का सैंध लगाना उतना आसान नहीं है जितना सपा दावा कर रही है। मेरठ में मुस्लिम और दलित वोट सपा और बीएसपी में बंटने के पूरे चांस दिख रहे है।
बीएसपी प्रत्याशी अपने कैडर सिस्टम के दम पर चुनाव में उतरी है जबकि सपा अभी भी अपने अंदरूनी कलह से जूझ रही है। भले ही सपा नेता एकजुटता दिखा रहे हो लेकिन टिकट को लेकर जिस तरह विरोधाभास दिखा था वो बदस्तूर जारी है। इसके अलावा याकूब कुरैशी की सक्रियता भी रंग दिखाएगी।