भरतीय किसान यूनियन इंडिया के कार्यकर्ताओ ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि पहले, मदर डेरी की दूध पैकिंग का काम गंगोल दुग्ध संघ (पराग डेरी), मेरठ में किया जाता था, जब गंगोल दुग्ध संघ (पराग डेरी), मेरठ के GM राम मोहन राव थे जिनके ऊपर न्यायालय, मेरठ में मुक़दमे चल रहे है। उसके बाद वे मदर डेरी के CEO बने। CEO बनने के बाद, उन्होंने पराग डेरी के चेयरमैन व GM से साठगांठ करके अपनी सुभचिन्तक फर्म, हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व नाम सॉलिटेयर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड), को अचिन्त्या मदर डेरी की पैकिंग का कार्य स्थान्तरित करवा दिया। यह फर्म गंगोल दुग्ध संघ (पराग डेरी), मेरठ के पास ही स्थित है।
उन्होंने कहा कि उस समय गंगोल दुग्ध संघ के चेयरमैन भी अचिन्त्या हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व नाम सॉलिटेयर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड) के मालिक के रिश्तेदार ही थे। इस परिवर्तन से गंगोल दुग्ध संघ (पराग डेरी), मेरठ के किसानों और कर्मचारियों को समय पर वेतन व दूध का भुगतान नहीं हो रहा है। पहले, जब मदर डेरी की पैकिंग होती थी, तो सभी को समय पर दूध का भुगतान व वेतन समय पर मिलता था और किसान तथा कर्मचारी दोनों खुशहाल थे। इसके अलावा, अचिन्त्या हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में भी उनके खिलाफ मामले दर्ज साथ ही आयकर और जीएसटी में हैं। इसके अलावा, अचिंत्य हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के अन्य कंपनियों के साथ भी धोखाधड़ी, भुगतान न देने आदि के मुकदमे चल रहे हैं।
कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अचिन्त्या हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड से लगभग 8 लाख लीटर पानी प्रतिदिन जमीन से निकालकर बिना किसी उपचार के खराब पानी बाहर फेंका जा रहा है। जिससे आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और बीमारियों का प्रसार भी हो रहा है। कंपनी में स्थापित ETP प्लांट की कार्यक्षमता भी सीमित है और यह लगातार खराब स्थिति में रहता है।