जनता की उम्मीद: अखिलेश यादव का संसद मार्च बैरिकेडिंग छलांग सघर्ष

आदेश प्रधान एडवोकेट | उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव का नाम केवल एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि संघर्ष, उम्मीद और नई पीढ़ी की आवाज़ के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। उनका व्यक्तित्व दिखाता है कि राजनीति केवल सत्ता पाने का खेल नहीं है, बल्कि जनता की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा करने का माध्यम है। जब वे जनता के बीच खड़े होते हैं, तो उनकी बातों में केवल शब्द नहीं, बल्कि विश्वास, ऊर्जा और जोश की धड़कन महसूस होती है।
भाजपा सरकार पर उनके तेवर हमेशा तीखे और तर्कपूर्ण रहे हैं। वे केवल नारों या आक्रोश में नहीं बोलते, बल्कि हर बार ज़मीन पर मौजूद हकीकत और आंकड़ों के साथ सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं। उन्होंने बार-बार यह सवाल उठाया है कि आखिर प्रदेश का नौजवान क्यों बेरोज़गार है, किसान क्यों अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं पा रहा है, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था क्यों बदहाल है और गरीब आदमी को न्याय क्यों नहीं मिल रहा। भाजपा की खोखली नीतियों को उजागर करना उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन गई है।



