नारी शक्ति का स्वर्णिम वर्ष:अभूतपूर्व उपलब्धियों का उत्कर्ष।

आकाश कुमार। भारतीय खेल इतिहास में वर्ष 2025 एक ऐसे स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है, जिसमें भारतीय महिला खिलाड़ियों ने विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा, परिश्रम से देश को गौरवान्वित किया। यह वर्ष केवल पदकों और ट्रॉफियों का नहीं, बल्कि नारी शक्ति की निर्णायक उपस्थिति, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक बनकर उभरा है । खेल जगत में महिलाओं की यह उड़ान बताती है कि अवसर, संसाधन और विश्वास मिलने पर वे वैश्विक शिखर तक पहुँच सकती हैं ।
इस साल भारतीय महिलाओं नें क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो, बॉक्सिंग, कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और स्क्वॉश जैसे खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने विश्व चैंपियनशिप और विश्व कप स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया । कई खेलों में भारत ने विश्व चैंपियन का खिताब जीता, तो कई में स्वर्ण,रजत,कांस्य पदकों के साथ शीर्ष देशों को कड़ी चुनौती दी। यह उपलब्धियाँ संयोग नहीं, बल्कि वर्षों की तैयारी, वैज्ञानिक प्रशिक्षण और मानसिक दृढ़ता का परिणाम हैं ।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इस साल विश्व कप जीतकर इतिहास रचा दिया तथा जिस तरह भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्व चैंपियन का खिताब जीता और पूर टूर्नामेंट में टीम ने संतुलित बल्लेबाज़ी, धारदार गेंदबाज़ी और चुस्त क्षेत्ररक्षण का प्रदर्शन किया, यह भारतीय महिला खिलाड़ियों तैयारी के साथ उनके आत्मविश्वास और रणनीति का निर्णायक परिणाम रहा । यह जीत महिला क्रिकेट के लिए मील का पत्थर बनी और देशभर में बालिकाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी । इस जीत ने अनेक महिला खिलाड़ियों के उत्साह को दोगुना करने में अहम भूमिका निभाई । और जीत के बाद भारत लौटी टीम के साथ देश के प्रधानमंत्री ने खिलाडियो की सराहना कि उसने भारतीय खिलाडियों के उत्साह को भी बढ़ाया है ।



