Tuesday, June 17, 2025
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शीघ्र शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग की पढ़ाई

  • सिर्फ 35 सीटों पर होंगे दाखिले, सीसीएसयू दिसंबर में शुरू करेगा पंजीकरण।

शारदा न्यूज, रिपोर्टर |

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) के माइक्रोबायलॉजी विभाग में दिसंबर से जीनोम सिक्वेंसिंग गणना का पीजी में वेल्यू एडेड कोर्स शुरू होने जा रहा है।

इसमें पैथालॉजी की जीनोम रिपोर्ट का विश्लेषण (कुंडली बनाना) सिखाया जाएगा जिससे आनुवांशिक रोगों और भविष्य में होने वाले संभावित रोगों का पता चलने पर रोकथाम की जा सकेगी। इस कोर्स में सिर्फ 35 विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिलेगा, जो सीसीएसयू अथवा संबद्ध कॉलेजों के लाइफ साइंस के विद्यार्थी होंगे। दिसंबर मध्य से कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

माइक्रोबायलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र सिंह ने बताया कि जीनोम सिक्वेंवोर्संग गणना (जीन की कुंडली) से आनुवांशिक बीमारियों कैंसर, मधुमेह, दिल के रोग की संभावित उम्र और इसके रोकथाम के उपाय के बारे में पता चलता है। यह कोर्स करने के लिए पीजी लाइफ साइंस का विद्यार्थी (जुलॉजी, बॉटनी, बायो टेक्नोलॉजी, बायो कैमिस्ट्री, प्लांट ब्रीडिंग व एग्रीकल्चर) होना जरूरी है। यह कोर्स पहले चरण में 15 दिन का शुरू किया जा रहा है। इसका पाठ्यक्रम भी बोर्ड आॅफ स्टडीज (बीओएस) से स्वीकृत हो गया है।

ये होता है जीव में जीनोम

प्रत्येक जीव और वनस्पति के डीएनए में जीन (आनुवंशिक पदार्थ) होते हैं और इसका अनुक्रम ही जीनोम है। जीनोम आनुवंशिक गुण के बारे में बताता है। मनुष्य में जीनोम समान होते हैं इसके डीएनए (डीआॅक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड) का एक हिस्सा भिन्न होता है। इस भिन्न हिस्से के आधार पर ही माता-पिता की पुष्टि होती है और कई गंभीर मामलों में पुलिस अपराधी तक पहुंचती है।

माइक्रोबायलॉजी विभाग जीनोम सिक्वेंसिंग गणना का पीजी वैल्यू एडेड कोर्स दिसंबर में शुरू करने जा रहा है। प्रवेश लेने वाले का सीसीएसयू अथवा इससे संबंधित कॉलेजों का विद्यार्थी होना जरूरी है। यह रोजगारपरक है और आने वाले समय में इसकी काफी उपयोगिता होगी। – प्रो. जितेंद्र सिंह, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायलॉजी सीसीएसयू

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